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कुछ महत्पूर्ण विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ/Major branches of some important sciences


  • एस्ट्रोनॉमी (Astronomy)-इसे 'खगोलशास्त्र' कहा जाता है। इसके अन्तर्गत ग्रह, उपग्रह तथा अन्य आकाशीय पिण्डों का अध्ययन किया जाता है।
  • एस्ट्रोनॉटिक्स (Astronautics)-यह अन्तरिक्ष में यात्रा करने से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है।
  • एग्रोस्टोलॉजी (Agrostology)-यह घासों से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है। एकोस्टिक्स (Acoustics)-यह ध्वनि से सम्बन्धित विज्ञान है।
  • एन्थोलॉजी (Anthology)-इस शाखा के अन्तर्गत यह पुष्पों का अध्ययन किया जाता है।
  • एयरोनॉटिक्स (Aeronautics)-इसमें वायुयान सम्बन्धी प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। बायोनॉमी ( Bionomy)-जीव पारिस्थितिकी विज्ञान का अध्ययन किया जाता है।
  • सिरेमिक्स (Ceramics)-चीनी के बर्तन तैयार करने वाली प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित विज्ञान है।
  • कॉस्मोलॉजी (Cosmology)-इस शाखा के अन्तर्गत ब्रह्माण्ड का अध्ययन किया जाता है.
  •  क्रायोजेनिक्स (Cryogenics)- इस शाखा के अन्तर्गत निम्न ताप का विभिन्न प्रयोगों तथा नियन्त्रणों का अध्ययन किया जाता है।
  • साइटोलॉजी (Cytology)- इस शाखा के अन्तर्गत कोशिका (cell) का अध्ययन किया जाता है।
  • डेन्ड्रोलॉजी (Dendrology)- इस शाखा के अन्तर्गत वृक्षों तथा झाड़ियों के अध्ययन किया जाता है।
  • डेन्ड्रो क्रोनोलॉजी (Dendro chronology)- इस शाखा के अन्तर्गत वृक्षों की आयु के अध्ययन  किया जाता है।
  • इकोलॉजी (Ecology)- इस शाखा के अन्तर्गत वनस्पतियों तथा प्राणियों के पर्यावरण से सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।
  • एण्टोमोलॉजी (Entomology)-कीट-पतंगों का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।
  • एम्ब्रयोलॉजी (Embryology)-भ्रूण के अध्ययन का विज्ञान है।
  • जेनेटिक्स (Genetics)-जीवों की आनुवंशिकता का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।
  • माइकोलॉजी (Mycology)-कवकों (Fungi) का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।
  • मेट्रोलॉजी (Metrology)-माप विज्ञान की शाखा से सम्बन्धित है।
  • जिरोन्टोलॉजी (Gerontology)- इस शाखा के अन्तर्गत वृद्धावस्था से सम्बन्धित तथ्यों का        अध्ययन किया जाता है। 
  •  हार्टीकल्चर (Horticulture)-  इस शाखा के अन्तर्गत फल-फूल व शाक-सब्जी उगाने तथा बाग लगाने आदि से सम्बन्धित चीजों का अध्ययनकिया जाता है।
  • हाइड्रोपैथी (Hydropathy)- इस शाखा के अन्तर्गत जल द्वारा रोगों की चिकित्सा होती है।
  • होलोग्राफी (Holography)-इस शाखा के अन्तर्गत लेसर पुंज की सहायता से Three dimensional image बनाने वाली विधि का अध्ययन किया जाता है।
  • हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics)-जल-संवर्द्धन का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।
  •  हीलियोथिरेपी (Heliotherapy)- इस शाखा के अन्तर्गत सूर्य के प्रभाव से चिकित्सा करने की प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है।
  • न्यूरोलॉजी (Neurology)-इस शाखा के अन्तर्गत मानव शरीर की तन्त्रिकाओं का अध्ययन तथा उपचार किया जाता है।
  • सीरोलॉजी (Serology)-रुधिर सीरम का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।
  • टैक्सोनॉमी (Taxonomy)- इस शाखा के अन्तर्गत  जीव जातियों के नामकरण एवं वर्गीकरण से सम्बन्धित  है।चीजों का अध्ययन किया जाता है।
  • वायरोलॉजी (Virology)-विषाणुओं का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।
  • ओडोन्टोग्राफी (Odontography)-दाँतों का अध्ययन करने वाली चिकित्सा विज्ञान की शाखा है।
  • ऑस्टियोलॉजी (Osteology)- इस शाखा के अन्तर्गत हड्डियों का अध्ययन किया जाता है।
  • पैलिओन्टोलॉजी (Palaeontology)- इस शाखा के अन्तर्गत जीवाश्मों (फॉसिल्स) का अध्ययन किया जाता है।
  • पोमोलॉजी (Pomology)-फलों के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान है।
  • फाइकोलॉजी (Phycology)-शैवालों के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान है।
  • सेरीकल्चर (Sericulture)- इस शाखा के अन्तर्गत रेशम के कीड़ों के पालन तथा उनसे रेशम उत्पादन का अध्ययन किया  जाता है।
  • धातुकर्म विज्ञान (Metallurgy)-धातुओं के अयस्कों से धातुओ के निष्टकर्षण की विधियाों का अध्ययन किया जाता है
  • कीमोमेट्रिक्स रसायन(Apigraphy)- विज्ञान की समस्याओं का गणितीय समाधान का अध्ययन किया जाता है

पदार्थ विज्ञान (भौतिकी व रसायन) से संबंधित शाखाओं का उल्लेख - 

  • यान्त्रिकी (Mechanics)-विभिन्न प्रकार के बलों व उनके प्रभावों का अध्ययन।
  • ऊष्मा (Heat) या ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)-ऊष्मा की प्रकृति (Nature), उसके संचरण (Transmission) तथा उत्पन्न प्रभावों का अध्ययन।
  •  प्रकाश (Light) या प्रकाशिकी (Optics)-प्रकाश उत्पादन, प्रकृति, संचरण तथा उत्पन्न प्रभावों का अध्ययन। के उत्पादन, संचरण, प्रकृति व उत्पन्न प्रभावों का अध्ययन। 
  • ध्वनितरंग (Sound Waves or Accoustics)- ध्वनि तरंगों वैद्युतिकी (Electricity) विद्युत आवेश (charge) उत्पादन, प्रकृति, संचरण व उत्पन्न प्रभावों का अध्ययन।
  • चुम्बकत्व (Magnetism)-चुम्बक के गुणों, चुम्बकीय क्षेत्र व उत्पन्न प्रभावों का अध्ययन।
  • विद्युत चुम्बकत्व (Electro-magnetism)- विद्युत चुम्बक तथा विद्युत चुम्बकीय विकिरण का अध्ययन किया 
  • माप विज्ञान (Metrology)- इस विज्ञान के अन्तर्गत तौल एवं माप की विधियों का अध्ययन।
  • परमाणु भौतिकी (Atomic Physics)-परमाणु की संरचना व गुणों का अध्ययन।
  • खगोलिकी (Astronomy or space Science)- ब्रह्माण्ड में स्थित मंदाकिनियों (Galaxies), तारों (Stars), ग्रहों (Planets) व उपग्रहों (Satelites)- तथा अन्य आकाशीय पिण्डों की उत्पत्ति, विकासव स्थिति का अध्ययन 
  • नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics) परमाणु के नाभिक की संरचना व नाभिक में उपस्थित कणों (न्यूट्रान-प्रोटान इत्यादि) के व्यवहार, प्रकृति, नाभिकीय विखंडन व नाभिकीय संलयन इत्यादि का अध्ययन।
  • विकिरण विज्ञान (Radiology)-विभिन्न विकिरणों व रेडियो ऐक्टिव पदार्थों व मानव शरीर पर इनके प्रभावों का अध्ययन।
  • धातुरचना विज्ञान (Mettallography)- धातुओं की संरचना व गुणों का अध्ययन।
  • धातुकर्म विज्ञान (Metallurgy) धातुओं के अयस्कों से धातुओं के निष्कर्षण (extraction) की विधियों का अध्ययन।
  • कीमोमेट्रिक्स (Chemometrics)-रसायन विज्ञान की समस्याओं का गणितीय समाधान का अध्ययन।
  • एपीग्रैफी (Apigraphy)-शिलालेख का अध्ययना
  • अंतरिक्ष यानिकी (Astronautics) - इस विज्ञान के अन्तर्गत अंतरिक्ष यात्रा से संबंधित विषयों का अध्ययन। किया जाता है।
  • भौतिकी रसायन (Physical Chemistry)- इसके अंतर्गत रासायनिक अभिक्रियाओं के नियमों व सिद्धान्तों का अध्ययन अर्थात्द्र व्य व ऊर्जा के पारस्परिक संबंधों के कारण उसमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है।।
  • अकार्बनिक रसायन (Inorganic Chemistry)- इसके अंतर्गत विभिन्न तत्वों व इससे निर्मित होने वाले यौगिकों (मुख्यतया कार्बन रहित) के गुणधर्म, संरचना, निर्माण, निष्कर्षण, संघटन व उपयोग आदि का अध्ययन किया जाता है। यह मुख्यतया अजैव पदार्थों से संबंधित विज्ञान है।
  • कार्बनिक रसायन (OrganicChemistry)- इसके अंतर्गत कार्बन के यौगिकों के निर्माण, संघटन, संरचना, गुणधर्म, उपयोग इत्यादि का अध्ययन किया जाता है। यह मुख्यतया जैविक पदार्थों व जैविक अभिक्रियाओं से संबंधित विज्ञान है।
  • औद्योगिक रसायन (Industrial Chemistry)- इसके अंतर्गत मानवोपयोगी वस्तुओं का बड़े पैमाने पर निर्माण की विधियों, तकनीकों इत्यादि का अध्ययन किया जाता है।
  •  विश्लेषिक रसायन(AnalyticalChemistry)-इसके अंतर्गत विभिन्न पदार्थों की पहचान, आयतन व मात्रा ज्ञात करने की विधियों का अध्ययन किया जाता है।
  • औषधि रसायन (Medicine Chemistry)- इसके अंतर्गत विभिन्न औषधियों, उनके संघटन व बनाने की विधियों इत्यादि का अध्ययन किया जाता है।
  • रेडियो रसायन (Radio-chemistry)- इसके अंतर्गत रेडियोधर्मी पदार्थों से होने वाली रेडियोधर्मी विकिरणों व उसके उपयोगों इत्यादि का अध्ययन किया जाता है।
  •  वैद्युत रसायन (Electro-chemistry)- इसके अंतर्गत विद्युत अपघट्यों व विद्युत अपघटन के नियमों, प्रक्रियाओं, उपयोगों इत्यादि का अध्ययन किया जाता है।
  • भू-रसायन (Geo-chemistry)- इस विज्ञान के अन्तर्गत पृथ्वी में प्राप्य विभिन्न उपयोगी खनिजों, पदार्थों इत्यादि को खोजने व प्राप्त करने की विधियों इत्यादि का अध्ययन किया जाता है।
  •  प्रकाश रसायन (Photo-chemistry) इसके अंतर्गत सूर्य के प्रकाश में होने वाली जैविक, अजैविक अभिक्रियाओं (यथा- प्रकाश संश्लेषण) व उनके उपयोगों इत्यादि का अध्ययन किया जाता है।
  •  होलोग्राफी (Holography)- इस विज्ञान के अन्तर्गत लेसर किरणों द्वारा किसी वस्तु का त्रिविमीय (3-dimentional) चित्र प्राप्त करने की विधि काअध्ययन किया जाता है।
  •  द्रवगतिकी (Hydrodynamics)-इस विज्ञान के अन्तर्गत गतिशील द्रव पर कार्य करने वाले बल, दाब एवं उसकी ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है।
  • जल ध्वनि विज्ञान (Hydrophonics)- इस विज्ञान के अन्तर्गत ध्वनि तरंगों द्वारा जल के नीचे की स्थिति का अध्ययन।
  • द्रव-स्थैतिकी (Hydrostatics)- स्थिर द्रवों में बल, दाब व उनके प्रभावों का अध्ययन।
  •  काइनेस्थेटिक्स (Kinesthetics)- शरीर की भाषा (Body Language) का अध्ययन।
  • पर्वत विज्ञान (Orology)-पर्वतों की उत्पत्ति संरचना, विकास व इनसे पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन।
  • भूकम्प विज्ञान (Seismology)- इस विज्ञान के अन्तर्गत पृथ्वी के कंपन, विस्तार पूर्वानुमान आदि का अध्ययन किया जाता है।
  • चन्द्र विज्ञान (Selinology)-चन्द्रमा की संरचना, गति व स्थिति का अध्ययन।
  • भू-भौतिकी (Geo-physics)-पृथ्वी की आंतरिक संरचना व पृथ्वी के अंदर होने वाली क्रियाओं का अध्ययन।
  • साइबरनेटिक्स (Cybernetics)-विभिन्न तंत्रों में हो रही प्रक्रियाओं का नियंत्रण व क्रियाविधि का अध्ययन।*
  • ट्राइबोलॉजी (Trybology)- इस विज्ञान के अन्तर्गत सापेक्ष गतिशील (relatively moving) सतहों (Surfaces) के मध्य लगने वाले बल का अध्ययन। हॉरोलॉजी (Harology)-इसके अंतर्गत समय का मापन किया जाता है।
  • सूक्ष्म यांत्रिकी (Quantum Mechanics)- इस विज्ञान के अन्तर्गत अतिसूक्ष्म कर्णो की गति व व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
  • निम्न तापिकीय (Cryogenics)-इसके अंतर्गत निम्न ताप उत्पन्न करने की विधियों का तथा निम्न ताप पर पदार्थों के गुणों का अध्ययन किया जाता है। इसका उपयोग अंतरिक्ष यात्रा (Space Travelling), Operation of body without bleeding, Super Conductivity आदि में किया जाता है।
  • मणि विज्ञान या क्रिस्टलकी (Crystallography)- यह एक प्रायोगिक विज्ञान है जिसमें क्रिस्टलों में परमाणुओं के संरचना अथवा विन्यास (Configuration) का अध्ययन किया जाता है। इसमें एक्स किरणों के विवर्तन द्वारा क्रिस्टलों की संरचना का अध्ययन किया जाता है।
  • स्पेक्ट्रम विज्ञान (Spectro Scopy)- इसके अंतर्गत विभिन्न पदार्थों के वर्णक्रम प्राप्त कर उनके आधार पर उनकी आंतरिक संरचना का अध्ययन किया जाता है। विकृति विज्ञान (Rheology) इसके अंतर्गत किसी पदार्थ केविरुपण (Deformation) तथा उसके प्रवाह का अध्ययन किया जाता है।
  • धातु रचना विज्ञान (Metallography-) इसके अंतर्गतधातुओं की संरचना व गुणों का अध्ययन किया जाता है।

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