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कंप्यूटर कम्युनिकेशन क्या होता है हिंदी में समझें || Computer Communication


कंप्यूटर कम्युनिकेशन क्या होता है

(INTRODUCTION)
कम्प्यूटर कम्युनिकेशन का अर्थ है एक कम्प्युटर से दूसरे कम्प्युटर मे डाटा का संचार होना। उदाहरण केलिए यदि आप को अपने किसी रिश्तेदार को एक फोटो भेजना हो तो पारम्परिक रुप से उस फोटो को एक लिफाफे मे भर कर किसी नजदीक के पोस्ट ऑफिस मे जाकर पोस्ट कर देगे । लिफाफे पर लिखे पते पर वह डिलिवर हो जायेगा इस पूरे प्रक्रिया मे दो दिन, चार दिन या सप्ताह भर लग सकता है या अधिक भी परन्तु इसे अधुनिक संचार द्वारा बहुत ही आसानी से भेजा जा सकता है। इसके लिए अपने ई-मेल को इन्टरनेट पर खोल कर फोटो को स्कैन कर के या वेब कैमरा से उसके सॉफ्ट कॉपी को कम्प्युटर मे रख कर अपनी ईमेल से अटैच करके रीसीवर के ईमेल आईडी पर सेन्ड कर दे और रीसिवर अपने आईडी को ओपन करके फोटो को डाउनलोड करके यदि आवश्यक हो तो उसकी हार्ड कॉपी को प्रिन्ट कर सकता है। इसी प्रकार किसी अन्य प्रकार के डाक्यूमेन्ट, इमेज, अन्य किसी पिक्चर को भी भेज सकते है इसमें बहुत ही कम समय मे आसानी से भेज सकते है।
उद्देश्य (Objectives)- 
इस पोस्ट के समापन के बाद विद्यार्थी नेटवर्किंग के टूल्स को , नेटवर्क को एव नेटवर्क के प्रकार को समझ सकेगे ।और अगर  इन्टरनेट एव इन्टरनेट को एक्सेस करने के मेथड को भी समझना है तो हमारे internet वाले पोस्ट मे जा के समझ सकते है । 


कम्प्यूटर नेटवर्क क्या है
What is computer network ?
कम्प्यूटर संचार के लिए उनका आपसे जुड़ा होना आवश्यक है। कम्प्यूटर को आपस में जोड़ने के लिए जो विधि आपनायी जाती है उसे कम्प्यूटर नेटवर्क कहते है। कम्प्यूटर नेटवर्क के द्वारा डाटा को सेन्ट्रलाइज करके उसे कई यूजर द्वारा प्रयोग किया जाता है। नेटवर्क के द्वारा न सिर्फ डाटा को वरन् डिवाइस को भी शेयर किया जाता है जैसे प्रिंटर आदि। 


नेटवर्क कितने प्रकार के होते है

नेटवर्क दो प्रकार का होता है।

लोकल एरिया नेटवर्क क्या है
1. LOCAL AREA NETWORK (LAN)
जब डाटा कम्युनिकेशन के लिए भौगोलिक रुप मे स्थानीय कम्प्यूटर या डिवाइस को जोड़ा जाता है तो उसे लोकल एरिया नेटवर्क कहते है।यह घर, ऑफिस, कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि मे लगाया जाता है। यह सबसे कॉमन नेटवर्क है।


लैन के अवयव
COMPONENTS OF LAN

File Server-  सभी नेटवर्क का हर्ट उसका फाइल सर्वर होता है।इसलिए इसको अन्य कम्प्यूटर की तुलना में बहुत तेज रखा जाता है। इसका प्रोसेसर, रैम, हार्ड डिस्क ड्राइव तथा साथ ही इसकानेटवर्क इन्टरफेस  कार्ड  को फास्ट लगया जाता है।  नेटवर्क आपरेटिंग सिस्टम  को  इसी मशीन पर इन्स्टाल किया जाता है। फाइल सर्वर नोड्स के बीच इन्फार्मेशन संचार पर भी नियंत्रण रखता है।

Workstations
 नेटवर्क पर सभी जुड़ी हुई कम्प्यूटर या डिवाइस को वर्कस्टेशन कहते है। एक आदर्श वर्कस्टेशन वह कम्प्यूटर होता है  जिस  पर नेटवर्क इन्टरफेज कार्ड, नेटवर्किंग  सॉफ्टवेयर और सुचारु रुप से केवल कन्फीगर किया गया हो। समान्यतः सभी कम्प्यूटर वर्कस्टेशन जैसा कार्य करते है।

Network Interface Cards(NIC)
कम्प्यूटर वर्कस्टेशन और नेटवर्क को जोड़ने मे इसका योगदान महत्वपूर्ण होता है। समान्यतः यह कम्प्यूटर मे अन्दर से इक्सपेन्शन स्लॉट पर लगा होता है। यह तीन मुख्य प्रकार का होता है इथरनेट कार्ड, लोकल टॉक कनेक्टर, और टोकन रिंग्स कार्ड। इनमे से इथरनेट कार्ड सवसे पापुलर, टोकनरिंग और अन्त मे लोकल टॉक।

Ethernet Cards
इथरनेट कार्ड का उपयोग को-एक्शिअल एवं ट्विस्टेड पेयर दोनो ही प्रकार के केवल मे किया जाता है। को-एक्शिअल वायर के लिए बीएनसी (BNC) कनेक्शन बनाता है और ट्विस्टेड पेयर के साथ RJ-45 connection बनता है। कुछ इथरनेट कार्ड मे को-एक्शिअल, ट्विस्टेड पेयर, और ऑप्टिकल फाइबर तीनो ही कनेक्टर होते है इसे AUI connector कहते है। यह जब भी लगाया जाता है तो इसके लिए इक बाह्य transceiver वर्कस्टेशन से जोड़ दिया जाता है।

Local Talk Connectors
एप्पल ने मैसिंन्टॉस कम्प्युटर नेटवर्किग के लिए लोकल टॉक को बनाया है। यह एक विशेष प्रकार का
एडॉप्टर बॉक्स और केवल के द्वारा मैसिंन्टॉस के प्रिंटर पोर्ट से जुड़ा होता है।

Token Ring Cards
यह भी इथरनेट कार्ड के जैसा ही दिखायी देता है। सिर्फ एक अन्तर है इसमे 9 पिन DIN type connector लगा होता है।

Bridges
विज वह डिवाइस है जो कि एक बड़े नेटवर्क को दो छोटे एवं सक्षम नेटवर्क में तोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह डाटा को पैकेटिंग करके उसे सही स्थान पर पहुचाता है। जिससे डाटा संचालन की गति तेज हो जाती है। यह डाटा को दोनो ओर संचार करता है परन्तु अनावश्यक ट्रैफिक को नही जाने देता है। इसका उपयोग अलग-अलग प्रकार के केवल या टोपोलॉजी पर किया जा सकता है परन्तु उसका प्रोटोकॉल एक ही प्रकार का होना चाहिए।

Routers
यह एक विशेष प्रकार का ब्रिज होता है, जो कि न सिर्फ अलग-अलग प्रकार के नेटवर्क जैसे दो LANS या दो WANS जोड़ने के लिए यूज किया जाता है बल्कि मैसेज को रुट देने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। यह ओ एस आई माडल के तीसरे लेयर को आपरेट करता है। यह मैसेज को भेजने के लिए सवसे अच्छे रुट को सलेक्ट करता है। राउटर निम्नलिखित कार्य करता है।
  1. सिगनल ट्रैफिक को इफिसियन्ट बनाता है। 
  2. किसी भी दो प्रोटोकाल के बीच में मैसेज को रुट प्रदान करता है। 
  3. किसी टोपोलॉजी के बीच मैसेज को रुट प्रदान करता है।
  4. मैसेज को किसी प्रकार के केवल जैसे ऑप्टिक फाइबर, को-ऑक्सिअल, ट्विस्टेड पेयर मे डाटा को रुट करता है।

Gateways
गेटवे भी रुटर की तरह अलग-अलग नेटवर्क को जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है परन्तु एक अन्तर यह है कि रुटर OSI model के नेटवर्क लेयर (Layer 3)को आपरेट करता है। और गेटवे OSI model के एप्पलीकेशन लेयर (Layer 7) को आपरेट करता है।

Network Operating System (NOS)
कम्प्युटर को नेटवर्क पर लाने के लिए एक आपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होती है जिसे नेटवर्क आपरेटिंग सिस्टम कहते है। विना नेटवर्क आपरेटिंग सिस्टम के यह एक स्टैन्ड अलोन कम्प्युटर जैसा व्यवहार करता है। यद्यपि इसका उपयोग पीयर टू पीयर नेटवर्क मे नहीं होता परन्तु जव भी कोई फाइल सर्वर बनाना हो अर्थात क्लाइन्ट सर्वर नेटवर्किंग मे इस आपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होगी। जैसे सर्वर 2003 एवं सर्वर 2008 आदि।

Wiring Hub नेटवर्क मे अतिरिक्त डिवाइसो (जैसे सर्वर, कुछ अन्य कम्प्युटर, स्वौनर, आदि) को जोड़ने के लिए हब का उपयोग किया जा सकता है । इस कनेक्शन के द्वारा नेटवर्क के अन्य डिवाइस भी उसे एक्सेस कर सके।

Switch
भी नेटवर्क मे हब की तरह से अन्य डिवाइसो को जोड़ने के लिए केबल कनेक्शन पॉइन्ट होता है
जिससे पेरिफेरल डिवाइसो को जोड़ा जा सकता है। इसमें पोर्ट को मैनेज करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर होता है जिससे डाटा ट्रांसमिशन एम्प्लीफाई करके (बढ़ाकरके) एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में जाता है । यह समान्यतः 8,12 या 24 पोर्ट के RJ-45 कनेक्टर के साथ स्टार टोपोलॉजी बनाती है।

Repeaters
केवल मे लम्बाई बढ़ने से प्रतिरोध के कारण डाटा के स्पीड में कमी आती है जिससे सिगनल कमजोर
हो जाता है जिसे बढाने के लिए रिपीटर लगाया जाता है जो कि सिगनल को बूस्ट करता है।

Transmission Media
दो प्रकार के संचार माध्यम होते है। गाइडेड एवम् अनगाइडेड

Guided Media
जब डाटा का ट्रांस्मिशन किसी निश्चित दिशा में होता है तो इस प्रकार के माध्यम को गाइडेड मीडिया
कहते समान्यतः यह वायर (तार) होता है।
तीन मुख्य प्रकार के तार होते है-
Twisted Pair ये दो प्रकार के होते है-(1)'शील्डेड और (2)अनशील्डेड। इस प्रकार का तार समान्यतः लैन और टेलीफोन मे प्रयोग किये जाते है। लैन वायर आर0जे045 कनेक्टर लगाया जाता है और 8 वायर होते है। जबकि टेलीफोन वायर मे 4वायर के लिए आर0जे0 11 और 6 वायर के लिए आर0जे014 कनेक्टर लगाया जाता है। Co-Axial इस केवल का उपयोग बस टोपोलॉजी, लैन मे टेलीफोन ट्रंक मे और टेलीविजन डिस्क कनेक्शन में किया जाता है। इसमे टी कनेक्टर और बैरल कनेक्टर का प्रयोग किया जाता है। Fiber Optics यह केवल प्रकाश गमन के सिद्वान्त पर पर कार्य करता है। जिसमे प्रकाश फाइबर मे उनके सिरे पर बाउन्स हो कर संचारित होता है। इसके फाइबर मनुष्य के बाल से भी पतले होते है जिसे माइकॉन मे मापा जाता है। इसमे ट्रांस्मिशन उच्च होता है , सिगनल लम्बी दूरी तक आसानी से जा सकता है और कोई इलेक्ट्रो-मैगनेटिक फील्ट का कोई प्रभाव नहीं होता है। इसमे प्रयोग होने वाले कनेक्टर होते है।- एस0सी0 एस0टी0 और एफडीडीआई ।

Microwave
स्पेस के ऊपर प्रोपोगेसन के लिए लाइन ऑफ साइट ऊँची फेक्वेंसी चाहिए होती है जिस पर वेव हल्की प्रतीत होती है और केबिल लेन की जरूरत नहीं पड़ती है। इसका हानि यह है कि इसको सरलता से टैप हो जाता है। टेलीकम्यूनीकेशन में इसका प्रयोग करते है। वायलेस कनेक्शन WAN या LAN में इसका प्रयोग किया जाता है।


Satellite Communication:-
यह तीन प्रकार का होता है। GEO (जीयोसिंक्रोनस अर्थ आरबिट), MEO (मीडियम अर्थ आरबिट) और LEO (लो अर्थ आरबिट) GEO का मेल काम आर्थ स्टेशन से सिगनल प्राप्त कर उनको एम्पलीफाइ कर दूसरे अर्थ स्टेशन पर भेजना  होता है।  टेलीकम्यूनीकेशन, इण्टर कन्टीनेन्टल
कम्यूनीकेशन एवं टी०वी प्रसारण इसका उदाहरण है।

नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है
What is network topology

नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार(Types of network topology)-
लैन टोपोलॉजी (LAN Topology)-टोपोलॉजी का मतलब एक एण्टर प्राइज नेटवर्किंग स्ट्रक्चर में उपलबध मीडिया एवं नेटवर्कvकम्पोनेन्टस की फीजिकल एरेन्जमेन्ट होता है। LAN टोपोलॉजी मुख्यता पांच प्रकार की होती है -बस, ट्री, स्टार, मेस और रिंग।

बस टोपोलॉजी क्या है
What is the bus topology ?
यह एक सरल नेटवर्क टोपोलॉजी है। इसमें सारे डिवाइस एक कॉमन सेण्ट्रल केबिल से जुड़े होते है।
बस टोपोलॉजी एक लीनियर LAN आर्किटेक्चर होता है जिससे डाटा प्रोपगेट होता है और दूसरे कम्पोनेन्ट द्वारा प्राप्त होता है। बस पोर्सन तारो (wires) का या दूसरे मीडिया का एक कॉमन फीजिकल सिग्नल पाथ होता है। जिसके द्वारा नेटवर्क के एक भाग से दूसरे भाग तक सिगनल भेजा जा सकता है। कभी-कभी इसको हाइवे भी कहा जाता है। इंटरनेट /ITTT802.3 नेटवर्क सामान्यतः सब टोपोलॉजी का इस्तेमाल करता है। बस टोपोलाजी की एक ही समस्या है कि यदि किसी एक यूजर से कनेक्शन टूट जाता है तो सारा नेटवर्क बैठ जाता है और सभी यूजर्स के बीच कम्यूनिकेशन टूट जाता है। इसी समस्या के कारण बस टोपोलॉजी का इस्तेमाल आजकल कभी-कभी ही किया जाता है। बस टोपोलॉजी का एक ही लाभ है कि इसमे कम केबिलिंग (तारो का प्रयोग) से होता है जिससे इसमें खर्च भी कम होता है यह स्टार टोपोलॉजी से सस्ता पड़ता है।

स्टार टोपोलॉजी क्या है
What is star topology ?
स्टार टोपोलॉजी एक LAN टोपोलॉजी है जिसमें नेटवर्क पर एण्टर प्वाइन्टस एक कॉमन सेन्ट्रल स्विच या हब से प्वाइन्ट-टू पवाइन्ट के द्वारा जुड़े होते हैं। इसमें लोजिकल बस एंकरिंग टोपोलॉजी अक्सर फिजिकली लगाए जाते है। स्टार टोपालॉजी से यह लाभ है कि किसी एक यूजर से कनेक्शन टूटने पर भी नेटवर्क काम करता रहता है और दूसरे यूजर के बीच कम्यूनिकेशन बंद नहीं होता। इसका एक हानि यह है कि इसमें केवलिंग का प्रयोग ज्यादा होता है जिसकी वजह से यह बस टोपोलॉजी से महँगा पड़ता है।

रिंग टोपोलॉजी क्या है
what is ring topology ?
रिंग टोपोलॉजी में रिपीटर्स की एक सीरिज एक अन्य यूनीडायरेक्शनल ट्रान्समीशन लिंक के द्वारा जुड़ी रहती है जिससे एक सिंगल क्लोज्ड लूप का निर्माण होता है। नेटवर्क पर हर स्टेशन रिपीटर के एक नेटवर्क से जुड़ा रहता है जबकि एक रिंग या रिंग टोपोलॉजी क्लोज्ड लूप स्टार में ज्यादा संगठित होता है। एक रिंग टोपोलॉजी जिसको एक स्टार की तरह संगठित किया गया है। प्वाइन्ट-टू-प्वाइंट लिंक के बजाय एक यूनीडायरेक्शनल क्लोज्ड लूप स्टार का निर्माण करती है। टोकन रिंग रिंग
टोपोलाजी का एक उदाहरण है।

ट्री टोपालॉजी क्या है 
 what is tree Topology ?
ट्री टोपोलॉजी बस टोपोलॉजी की तरह है, बस अंतर यह है कि ट्री नेटवर्क में मल्टीपिल नोड्स के साथ
ब्रान्चेस होती है। बस टोपोलॉजी के जैसे ही इसमे भी ट्रान्समीशन्स मीडियम लेन्थ के एक कम्पोनेन्ट कोvप्रोपोगेट तथा बाकी सभी कम्पोनेन्ट के द्वारा प्राप्त किया जाता है।

मेष टोपोलॉजी क्या है
What is mesh topology?
इसका इस्तेमाल WAN टोपोलॉजी में होता है। इस टोपालॉजी में प्रत्येक नोड एक दूसरे नोड से जुड़ी होती है, यह विश्वसनीय तथा तेज होता है। यदि कोई डिवाइस फेल हो जाए तो केवल वही नोड प्रभावित होती है। यह बहुत महंगा है। इस टोपोलॉजी में हर एक नोड को दूसरे नोड से जुड़ा होना चाहिए। जोकि एक कठिन काम है।



वाइड एरिया नेटवर्क क्या होता है
What is a wide area network ?

2.Wide Area Network-WAN और LANS लगभग एक ही तरह के होते है। इन दोनों को क्लाइन्ट तथा होस्ट के बीच रिसोंस शेयरिंग और कम्यूनिकेशन करने के लिए बनाया जाता है। यद्यपि LAN और WANOSI के लेयर वन तथा लेयर टू में अंतर होता है। इसके एक्सेस मैथेड, टोपोलॉजी तथा कभी-कभी मीडिया में भी अंतर होता है।

एक WAN में निम्न गुण होते है-
एक विशाल एरिया को कवर करता है (100-100 किमी) कामन कैरियर सर्किट के पटिस विश्वसनीय होते है जैसे -टेलीफोन कम्पनी ISP इसमे कई सारे इन्टर कनेक्टेड नोड्स होते है।


संचार पथ के प्रकार
Type of Communication Path

Circuit Switching
यह एक डेडीकेटेड कम्युनिकेशन पाथ होता है जो कि दो स्टेशनों के बीच नेटवर्क नोड्स के द्वारा संचार के समय स्थापित किया जाता है। जैसे- फोन नेटवर्क।

Packet Switching
इसमें डेटा छोटे-छोटे टुकड़ों के एक सीरिज में भेजा जाता है। जिससे पैकेट्स कहते है। हर पैकेट
नेटवर्क में नोड्स के माध्यम से चलता है।

Frame Relay- इसमें हाई डेटा रेट एवं लो एरर रेट का फायदा होता है। इसका प्रयोग हाई स्पीड टेलीकम्यूनिशन सिस्टम में होता है, जो कि एरर कन्ट्रोल के भारी खर्चे को बचाता है।

Asynchronous Transfer Mode - (ATM)
ATM फेम रिले की एक उत्पत्ति है। ATM फेम रिले के उलट फिक्स्ड लेन्थ पैकेट्स का प्रयोग करती है जिसे सेल कहा जाता है (ATM को कभी-कभी सेल रिले भी कहते है) । एक सेल में 53 बाइट्स होते है जो कि खर्च बचाते है। डेटारेट 10 से 100 Mbps के बीच होता हैं


ओ एस आई  मॉडल क्या है
what is OSI mode ?

OSI (open systems Inter connection)-
रिफरेन्स मॉडल एक ISO स्टैण्र्डड है, यह मॉडल एक स्ट्रेक्चर है जो कम्यूनिकेशन टास्क को बताता है और जो एक अन्तर्राष्ट्रीय स्टैण्र्डड पर एक रिफरेन्स मॉडल की तरह प्रयोग किया जाएगा। इसका प्रयोग अच्छी इन्टरनेट के लिए जो विभिन्न टेक्नोलॉजी मैन्यूफैक्चरर राष्ट्रीयता और औद्योगिकी के लिए होगे। OS| मॉडल आरकीट्रेक्चर कठिनाइयों को कम करता है।
  1. हर लेयर अपनी ऊपर के लेयर को एक विशेष सेवा देती है। 
  2. हर लेयर अपने ऊपरी लेयर की इस बात से सुरक्षा करती है कि उसे किस प्रकार की दी गयी है।
  3. लेयर N एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक से जाती है।

Application :- प्रयोग :- एक टी पी, टेल नेट, ई मेल, वेब
Presentation:- प्रस्तुती :- डेटा रिप्रेजेन्टेशन (ASCII, EBCDIC)
Session :- निगोसिऐशन एवं कनेशन (NFS)
Transport :- एण्ड टू एण्ड डिलेवरी (Segments)
Network :- राउटिंग एड्रेस एण्ड वेस्ट पाथ (Packets)
Data link :- एक्सेस टू मीडिया (Frame)
Physical :- बाइनरी ट्रान्समिशन एण्ड केबिलिंग (Bits)


Public Networks :- पब्लिक नेटवर्कस वे नेटवर्कस होते है जो टेलीकम्यूनिकेशन विभाग के द्वारा बनाए और चलाए जाते है और उन संस्थाओं या व्यक्तियों को उपलबध कराए जाते हैं जो उसे लेती है उदाहरण के लिए पब्लिक स्विचड टेलीफोन नेटवर्कस (PSTN) पब्लिक स्विच्ड डेटा नेटवर्क
(PSDN) वैल्यू एडउ सर्विस (VANS,VADs) और इन्टीग्रेटेड सर्विस विजटल नेटवर्क (ISDN)

Public Switch Data Network:- (PSDN) इसका उपयोग उच्च एवं निम्न स्पीड बैंड के लिये
किया जाता है हाई लेबल रिलाइबेल्टी और उच्च क्वालिटी का कनेक्शन इसकी विशेषता है

Public Switch Telephone Network (PSTN) - 
इसमें निम्न स्पीड और एनालॉग डाटा ट्रान्समिशन, रिस्ट्रिक्टेड बैंड विथ और विस्तरित उपलब्धता इसकी पहचान है। चूंकि टेलीफोन लाइन से एनालॉग डाटा का प्रयोग किया जाता हैं इसलिए मॉडम की जरूरत होती हैं।

Value Added Services (VANs/VADs)- जो डाटा नेटवर्क पर ले जाया जाता है और उसे स्टोर एवं मैनुपुलेट करने मे प्रोसेस करने मे इस सर्विस का प्रयोग होता है। जिससे यह इनफॉमेशन को दूसरी कम्पनीयों के साथ उसी लाइन पर शेयर करने में सहयोग करती हैं।

Integrated Service Digitial Network (ISDN)- यह एक नेटवर्किंग कॉन्सेप्ट है जो आवाज,
वीडियों और डेटा सर्विस का एकीकरण करके डिजीटल ट्रान्समिशन, दोनों सर्किट और पैकेट स्विचिंग तकनीक का प्रयोग करता है।

Private Network - प्राइवेट नेटवकर्स में बेसिक तकनीक लीज का प्रयोग होता है। WAN का प्रयोग प्राइवेट सर्किटस को जोड़ने में किया जाता है। इसके नेटवर्कके मालिक के पास यह आजादी होजी है वह जिस प्रकार चाहे सर्किट का प्रयोग कर सकता हैं। वे सर्किट का प्रयोग ढेर सारे डेटा को प्रेषित करने या हाई स्पीड पर ट्रान्समीट करने के लिए कर सकते है। प्राइवेट वाइड एरिया नेटवर्क का निर्माण जो भी उच्चस्तरीय तकनीकी उपलब्ध है उसका प्रयोग करके किया जा सकता है।

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