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इंटरनेट का परिचय इन हिंदी || Introduction to Internet in Hindi


इंटरनेट का क्या मतलब है?
(What does the internet mean?)-
इन्टरनेट एण्ड टू एण्ड मॉडल पर आधारित है जो प्रत्येक लेविल पर उपलब्ध नेटवर्क के व्यक्ति को यह आजादी देता है कि वह किसी सेन्ट्रल कन्ट्रोल से मुक्त दूसरे नेटवर्क से हर लेविल पर समपर्क
कर सके।

इंटरनेट की अवधारणा 
(CONCEPT OF INTERNET)-
इन्टरनेट का अविष्कार एक दिन में नही बल्कि यह कुछ महीने कुछ दिन या कुछ समय तक किये गये एक लम्बे रिसर्च के बाद हुआ जिसमें कई वर्ष लग गये 1969 में अमेरिकन डिपार्टमेन्ट ऑफ डिफेन्स एक नेटवर्क डिवाइस शुरू किया जिसे ARPANET (Advance Research Projects Administration Network) ने एक कम्प्यूटर कैलीफोरनिया में और तीन कम्प्यूटर उटा में जोड़कर शुरू किया था। सितम्बर 1969 में लाश एंजिल्स के कैलीफोरनिया यूनिवर्सिटी में स्टान फोर रिसर्च इन्स्टीटयूट, कैलीफोरनिया यूनिवर्सिटी का शान्ता वारबरा, और उटा यूनिवर्सिटी को जोड़ा गया। जैसे-जैसे नेटवर्क का उपयोग बढ़ता गया दूसरे यूनिवर्सिटीज, रिसर्च आर्गनाइजेशन और प्राइवेट एवं कामर्शियल आर्गनाइजेशन इस टेक्नालॉजी का उपयोग शुरू कर दिये। इन्टरनेट प्रायः नेट के नाम से पुकारा जाता है। जिसमें काम्प्लेक्स नेटवर्क में कई कम्प्यूटर हाई स्पीड कम्युनिकेशन टेक्नालॉजी जैसे -सैटलाइट, माइकाबेव डिवाइसेस, आदि के द्वारा जुड़े होते हैं। यह बहुत तेज एवं व्यापक पैमाने पर इनफॉरमेशन या रिसोर्स को विश्व के विभिन्न हिस्सों से स्टोर करता है। इन्टरनेट वास्तविक नाम 1995 में यू०एस०ए० कि फेडरेल नेटवर्किंग काउसिंल ने दिया। इन्टरनेट को नेटवर्क ऑफ नेटवर्क कहा जाता है। जोकि हमें कम्युनिकेशन के लिये एक दूसरे से इन्ट्रैक्ट करता है।

इन्टरनेट आर्किटेक्चर  की मूल बातें 
(Basics of Internet Architecture)-
इन्टरनेट इन्टर कनेक्टेड नेटवकर्स का नेटवर्क है। इसे बिना किसी सेण्ट्रल कन्ट्रोल के चलाने के लिए
बनाया गया है। यदि नेटवर्क का कोई एक भाग फेल हो जाता है। तव भी दूसरे पाथ पर कनेक्शन.
मौजूद रहता है। इनटरनेट हायरारकी नेचर का होता है।

 इन्टरनेट के आर्कीटेक्चर का ब्रीफ मे वर्णननिम्न है
(The brief description of the architecture of the Internet is as follows) -

1. Client .क्लाइन्ट (कम्प्यूटर का प्रयोग करने वाला या नोड) नेटवर्क में सबसे नीचे होता है। Local Internet Service Provider (ISP) .लोकल इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) सूची में दूसरे स्तर पर है यह एक संगठन है जिसक अपने कम्प्यूटर इन्टरनेट से जुड़ी होता है और दूसरे कम्प्यूटरर्स को अपने से जुड़ने का मौका देता है। लोकर ISP वह लोकल टेलीफोन कम्पनी होती है जहाँ टेलीफोन कम्पनी का आफिस होता है। उदाहरण के लिए इण्डिया में BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) MTNL (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) और AERTEL लोक ISP है। ग्राहक मोडम या नेटवर्क इन्टरफेस कार्ड का प्रयोग करके लोकल ISP पर कॉल करते है।

2. Regional ISP अगला स्तर है। लोकर ISP रिजनल ISP से जुड़ा होता हे। राउटर एक स्पेशल हार्डवेयर है जिसमें एक प्रोसेसर मेमोरी और एक इन्टरफेस नेटवकर्स को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। रिजनल ISP राउटर के द्वारा लोकर ISP से जुड़ा रहता है। 

3. Backbone यह हायरारकी में सबसे उपर होता है बैक बोन आपरेटर बड़े कारपोरेशन जैसे- AT&T जिसके पास अपना सर्वर कनेक्टेड होता है। विश्व में बहुत सारे बैक बोन अस्तित्व में हैं।बैकबोन नेटवर्क रिजनल आई०एस०पी० से जुड़कर लार्ज नम्बर ऑफ राउटर्स को हाई स्पीड फाइबर आपटिक्स से जोड़ता है। नेटवर्क एक्सेस प्वाइन्ट विभिन्न बैकबोन से जुड़े होते हैं इसलिए पैकेटस विभिन्न बैकबोन पर ट्रवल करता है। यदि बैकबोन पर पैकेट रिजनल आई०एस०पी० से कनेक्ट होता है। तो यह बैक बोन पैकेट को लगे हुये राउटर से लोकल आई0एस0पी0 पर भेज देता है।
.
इंटरनेट पर सेवाएं
(Services on Internet)-
इन्टरनेट आज के जीवन में बहुत ही उपयोगी सेवाएं देता है यह विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेडिकल, एजुकेशन, ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन रेलवे रिजर्ववेशन, ईमार्केटिंग, ईमेल, ई विजिनेश ऑन लाइन ट्रेडिंग आदि । प्रत्येक व्यक्ति अपनी आवश्यकता एवं सुविधा के अनुसार इसका उपयोग करता है आज यह जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

 डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू (वर्ल्ड वाइड वेब)
Www (World Wide Web)- यह इन्टरनेट के टॉप लेबल को आपरेट करता है और सूचनाओं को ब्राउजर के द्वारा शेयर करता है बेब ब्राउजर शुदूर स्थित बेव सर्वर के डाटा को रिट्राइव करता है इसमें स्टेट लेस एवं एनानिमश प्रोटोकाल प्रयोग करता है। जिसे हायपर टेस्ट ट्रांसफर प्रोटोकाल http कहते हैं। बेव पेज जो कि इन्टरनेट पर सूचनाओं को लेकर खुलता है यह एक सिम्पल लैंग्वेज में लिखा होता है जिसे हायपर टेस्ट मार्कअप लैंग्वेज HTML कहते हैं। बेब पेज में दूसरी टेक्नालॉजी भी जुड़ी होती हैं जैसे कैशकेडिंग स्टाइल सीट, (CSS) इससे अतिरिक्त लेआउट एवं स्टाइल को पेज में जोड़ सकते हैं इसके अतिरिक्त स्कपिट लैंग्वेज जावा स्कपिट, वी०वी० स्कीपट आदि।

 इंटरनेट पर संचार(Communication on Internet) -मॉडम एक पेरिफेरल डिवाइस है जो कि कम्प्यूटर को कम्युनिकेट करने में टेलीफोन लाइन और केबल के द्वारा डाटा को ट्रान्समिट करता है इमेल या इन्टरनेट को एक्सेस करने के लिए मॉडम की आवश्यकता होती है। मॉडम की स्पीड बिट्स पर सेकेण्ड होती है और डी०एस०एल० नेटवर्क (Digitial Subscriber Line) और वायरलस मॉडम इन्टरनेट को कनेक्ट करने और इनफार्मेशन को ट्रान्सफर करने में प्रयोग किया जाता है यह डायलप मॉडम मेथड से 10 से 40 गुना ज्यादा तेज होता है।

Protocol- प्रोटोकाल रिसीवर और सेन्डर के बीच में कम्युनिकेशन कन्ट्रोल के नियम का सेट होता है। कम्युनिकेशन साफटवेयर दो डिवाइसों के बीच कनेक्ट करने और डाटा फलो को कन्ट्रोल करने के नियम होते हैं सफल कम्युनिकेशन के लिये दोनो डिवाइसों को एक ही कामन कम्युनिकेशन प्रोटोकाल यूज करना चाहिए।

Name

Used For

http

हाइपर टैक्स्ट के ट्रान्सफर का प्रोटो काल है।

 

ftp

फाइल ट्रान्सफर का प्रोटो काल है।

 

File

 

लोकल फाइल न्युज/ न्युज ग्रुप/ न्युज अर्टिकल आदि

 

Telnet

 

टीसीपी पर रिमोट लागिन के लिए है।

 

TCP/IP

ट्रान्समिशन कन्ट्रोल प्रोटोकॉल / इन्टरटेन प्रोटोकॉल TCP/IP में दो सेट का प्रोटोकॉल

|उदा०-ट्रान्सफर कन्ट्रोल प्रोटोकॉल और इन्टरनेट प्रोटोकाल, ट्रान्सफर प्रोटोकाल कन्ट्रोल के गति को निर्धारित करती है और यह विश्वसनीय प्रोटोकॉल है सभी कम्प्यूटरी कार्य विशेष है।

 

IP

 

पता इसके साथ दीये है IP 

UDP

 

यूजर डाटाग्राम पैकेट को दो कम्प्यूटर के बी डाटा को ट्रांस्फर करती है। यह एक अविश्वसनीय प्रोटोकॉल है जिसमें डीलिवरी की गारन्टी नहीं होती

 

SMTP

 

सिम्पिल मेल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल 

ARP

 

ऐडरेस रिस्ल्यूसन प्रोटोकॉल

 

PPP

 

प्यन्ट टू प्यन्ट प्रोटोकॉल

 

 TCP/IP     IP नेटवर्क पर डिवाइस या कम्प्यूटर का एड्रेस होता है

Class

 

ऐडरेस रनेज

 

Class A

 

1.0.0.1 to 126.255.255.254

 

Class B

 

128.1.0.1 to 191.255.255.254

 

Class C

 

192.0.1.1 to 223.255.254.254

Class D

 

224.0.0.0 to 239.255.255.255

 

Class E

 

240.0.0.0 to 254.255.255.254

 

 URL (UNIFORM RESOURCE LOCATOR)-URL को यूनिफार्म रिर्सेस लोकेटर कहते है। सभी वेब पेज जो इन्टरनेट पर दिखता है उसका एकविशेष एड्रेस होता है। उसका यही एड्रेस ही URL कहलाता है। URL का स्ट्रक्चर निम्न तरह से प्रस्तुत किया जाता है। Server type://Hostname/directory/sub directory/.../filename Domain Name हर वेब साइट पर इन्टरनेट में सभी नाम का विशेष पता होता है, किसी प्रकार के सुविधा से बचने के लिए वेब साइड के नामों का अलग अलग प्रकार से बनाया गया।


1.

In

भारत (देश का नाम) होता है।

 

2.

Gov

इन्डीकेटस गोरमेन एजेंसी

 

3.

Net

नेटवर्क आर्गनाइजेसनस

 

4.

Org

नॉनप्रोफिट आर्गनाइजेसन्स

 

5.

Edu

एजूकेशनस आर्गनाइजेसनस

 

6.

Com

कामर्सीयल आरगानाइजेसनस

 

7.

Mil

मिलेट्री या डेफेन्स

 

इंटरनेट सेवाएं
(INTERNET SERVICES)-
कम्प्यूटर हमारे दैनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण यंत्र बन गया है। ऑन लाइन एप्लीकेशन जैसे ATM,
रेलवे रिजर्वेसन आदि ने हमारे काम को आसान कर दिया है। अगले पाठ में हम लोग देखेंगे आजकल
अप्लीकेशनस इन्टरनेट पर निर्भर है।

इंटरनेट एक्सेस के लिए कैसे  तैयार करें कंप्यूटर को
(How to prepare computer for internet access)
इंटरनेट से जुड़ने के लिए आपको मोडेम और एक कम्प्यूटर की जरूरत होती है। आपके कम्प्यूटर के पास एक फोन जैक या केबिल भी होनी चाहिए। इन्टरनेटसे जुड़ने के लिए तीन रास्ते है 
(1)डायलअप 
(2) ब्राण्ड बैण्ड
 (3) वायरलेस

Dial-up- डायलअप एक टेलीफोन लाइन का प्रयोग करता है। यह वायरलेस या ब्रॉडबैण्ड से सस्ता
है। इसकी गति धीरे होती है और आप इनटरनेट तथा फोन का इस्तेमाल एक साथ नहीं कर सकते।

Broadband ब्राडबैण्ड की स्पीउ डायअप से 100 गुना ज्यादा तेज होती है।यह थोड़ा मंगहा होता है।इसके लिए आपाको कम्प्यूटर के अलावा एक हार्डवेयर खरीदना पड़ता है। यह तीन प्रकार ब्राडबैण्ड कनेकशन उपलब्ध है। DSL आपको टेलीफोन लाइन, केबिल सर्विस फाईबर ऑपटिक और सेटेलाइट डिश सर्विस आपके सेटेलाइट डिश कनेक्शन का इस्तेमाल करते है। Wireless वायरलेस कनेक्शन आपको गतिशील बनाते है। लैपटॉप, मोबाइल इसके उदाहरण है जहाँ वायरलेस इन्टरनेट कनेक्शन उपलबध है। जब तक आपके मोबाइल में सिग्नल है तब तक आपका इन्टरनेट मिलता रहेगा। यह सबसे महंगा पड़ता है।

ISPs And Examples- बेल साउथ AOL अर्थलिंग और माइक्रोसॉफ्ट नेटवर्क ऐसे ISP है जो आपको इन्टरनेट की सेवा देते है। आप इनकी इन्टरनेट सॉफ्टवेयर को कम्प्यूटर पर डाउनलोड करके इन्टरनेट चला सकते है। ये लोग तीन तरह से चार्ज करते है।

1. The flat-rate- इसमे एक बार पैसा देकर आप अनलिमिटेड इन्टरनेट चला सकते है। आजकल
यही सबसे ज्यादा चल रहा है।

2. Metered subscriptions- इस सिस्टम में आप हर घण्टे या महीने के हिसाब से पैसा देकर
इन्टरनेट चला सकते है।

3 कुछ ISP फी इन्टरनेट सेवाएं भी दे रहे है मगर बीच-बीच में आपकों बहुत सारे विज्ञापन देखने पड़ते

 INTERNET ACCESS TECHNIQUES
जब कभी आपको ईमेल, सर्च इंजन या टिकट या पढ़ाई करनी है। आपको अपना कम्प्यूटर या मोबाइल इन्टरनेट से जोड़ना पड़ेगा।

Dial-Up -इसमें टेलीफोन लाइन एवं मोडेम का प्रयोग होता है। इसकी स्पीड 56Kbps तक होती है।
ISDN (Integrated Services Digital Network)-ISDN यह डिजिटल सिग्नल का प्रयोग फोन के तार के माध्यम से करता है ज्यादातर टेलीफोन कम्पनियाँ बी चैनल के नाम से सेवाएं देती है। एक चैनल से आप बात कर सकते है और एक चैनल से इन्टरनेट प्रयोग कर सकते है। इसकी स्पीड
128Kbps होती है।

DSL(Digital Subscriber line)- यह एक अन्य ब्रॉड बैण्ड सेवा है जो कई टेलीफोन कम्पनियाँ अपने ग्रहकों को दे रही है। इसे ADSL (एसीमेट्रिक डिजिटल सबसक्राइबर लाइन) SDSI (सी०मैट्रिक सब्सक्राइबर लाइन) और HDSL (हाई डेटा रेट डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन) में बाँटा गया है।

Cable Modem - केबिल मोडेम केबिल टी०वी प्रोवाइडर के द्वारा दिए गए हाई ब्रिड फाइवर/फोक्स
इन्फ्रास्ट्रक्चर का डेटानेट नेटवर्क शेयर करते है। T-1 यह एक विशिष्ट टेलीकम्यूनिकेशन सर्किट है जो सामान्य टेलीफोन लाइन पर काम नहीं करती है यह व्यापार के क्षेत्र में काफी प्रचलित है।









































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