इस पहले हम भाष, लिपि, व्याकरण ,वर्ण-विचार, शब्द-विचार(ETYMOLOGY) के बारे में जान चुके है इस पोस्ट में हम जाने गें कि शब्द -रचना (ETYMOLOGY) में शब्दों कि रचना कैसे कि जाती है । उपसर्ग के द्वारा-
उपसर्ग (Prefixes)
उपसर्ग शब्द 'उप' और 'सर्ग' दो शब्दों के मेल से बना है। 'उप का अर्थ है 'निकट' और सर्ग का अर्थ है 'सृष्टि करना अर्थात निकट आकर नया शब्द बनाना।'
परिभाष के अनुसार- ऐसे शब्द या शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व में जुड़कर नए शब्द का निर्माण करते हैं, उसे उपसर्ग कहते हैं। जैसे-सु + पुत्र = सुपुत्र । यहाँ 'सु' शब्दांश ‘पुत्र' के साथ जुड़कर नए शब्द का निर्माण करत है। अतः 'सु' शब्दांश है, शब्द नहीं। शब्द वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त हो सकता है, शब्दांश नहीं।
हम जानते है कि शब्दांश-शब्दांश तो केवल शब्द से जुड़कर ही नए अर्थ की रचना में सहायक होता है। अत: उपसर्ग सार्थक खंड होते हैं। शब्द-खंड अपने आप में अपूर्ण होते हैं अत: इनका स्वतंत्र प्रयोग नहीं हो सकता, किसी के साथ जुड़ने पर ही वाक्य में उनका प्रयोग होता है। उपसर्ग शब्द के आदि (आरंभ) में जुड़कर उसके मूल अर्थ को बदल देते हैं, जिससे नए शब्द का निर्माण हो जाता है;
जैसे-
आ+हार = आहार,
प्रहार+वि + हार = विहार,
उप +हार = उपहार,
आ+हार = आहार,
प्रहार+वि + हार = विहार,
उप +हार = उपहार,
नि + हार = निहार,
सम् + हार = संहार।
हिंदी भाषा में शब्द रचना के लिए उपसर्ग चार प्रकार के होते हैं-
(क) संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)
(ख) हिंदी के उपसर्ग
(ग) आगत (विदेशी भाषा) उर्दू, अंग्रेज़ी।
(घ) संस्कृत के अव्यय-
हिंदी भाषा में शब्द रचना के लिए उपसर्ग चार प्रकार के होते हैं-
(क) संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)
(ख) हिंदी के उपसर्ग
(ग) आगत (विदेशी भाषा) उर्दू, अंग्रेज़ी।
(घ) संस्कृत के अव्यय-
(क) तत्सम उपसर्ग-
ये उपसर्ग संस्कृत से लिए गए हैं। इन उपसर्गों में से 20 उपसर्ग हिंदी में मिलते हैं जो इस प्रकार हैं-
1.उपसर्ग - अति
अर्थ-अधिक
उदाहरण-अतिरिक्त, अत्यंत, अत्याचार, अतिशय, अत्यल्प।
उदाहरण-अतिरिक्त, अत्यंत, अत्याचार, अतिशय, अत्यल्प।
2.उपसर्ग -अधि
अर्थ-श्रेष्ठ, ऊपर, सामीप्य
उदाहरण-अध्यक्ष, अधिकार, अधिकृत, अध्यात्म अधिवक्ता।
उदाहरण-अध्यक्ष, अधिकार, अधिकृत, अध्यात्म अधिवक्ता।
3.उपसर्ग - अनु
अर्थ-पीछे, समान, गौण
उदाहरण-अनुभव, अनुशासन, अनुज, अनुमान, अनुचर, अनुकूल, अनुसार।
उदाहरण-अनुभव, अनुशासन, अनुज, अनुमान, अनुचर, अनुकूल, अनुसार।
4.उपसर्ग - अप
अर्थ- बुरा, हीन
उदाहरण-अपयश, अपवाद, अपशब्द, अपकार, अपहरण, अपमान।
उदाहरण-अपयश, अपवाद, अपशब्द, अपकार, अपहरण, अपमान।
5.उपसर्ग - अव
अर्थ-बुरा, हीन, उप
उदाहरण-अवतार, अवनति, अवगुण, अवचेतन, अवशेष, अवतरण।
उदाहरण-अवतार, अवनति, अवगुण, अवचेतन, अवशेष, अवतरण।
6.उपसर्ग - अभि
अर्थ-सामने, चारों ओर
उदाहरण-अभिमान, अभिलाषा, अभिशाप, अभिनय, अभिज्ञान।
उदाहरण-अभिमान, अभिलाषा, अभिशाप, अभिनय, अभिज्ञान।
7.उपसर्ग - उछ्(उत्)
अर्थ-ऊपर, ऊँचा, श्रेष्ठ
उदाहरण-उत्तम, उदघाटन, उत्कर्ष, उत्थान, उन्नति, उच्चारण, उद्गम।
उदाहरण-उत्तम, उदघाटन, उत्कर्ष, उत्थान, उन्नति, उच्चारण, उद्गम।
8.उपसर्ग -आ
अर्थ-तक, समेत
उदाहरण-आरक्षण, आमरण, आदान, आगमन, आहार, आक्रमण
उदाहरण-आरक्षण, आमरण, आदान, आगमन, आहार, आक्रमण
9.उपसर्ग - उप
अर्थ-निकट, समान, छोटा
उदाहरण-उपसर्ग, उपभेद, उपचार, उपवन, उपग्रह, उपनाम, उपकृत।
उदाहरण-उपसर्ग, उपभेद, उपचार, उपवन, उपग्रह, उपनाम, उपकृत।
10.उपसर्ग - दुस,दुर
अर्थ-कठिन, बुरा
उदाहरण-दुर्भाग्य, दुर्दशा, दुर्घटना, दुष्कर, दुस्साहस दुर्गति, दुर्गुण।
उदाहरण-दुर्भाग्य, दुर्दशा, दुर्घटना, दुष्कर, दुस्साहस दुर्गति, दुर्गुण।
11.उपसर्ग -निस, निर
अर्थ-रहित, निषेध, मना
उदाहरण-निश्चय, निश्छल, नीरोग, निर्मल, निर्जीव, निर्भय, नियति।
उदाहरण-निश्चय, निश्छल, नीरोग, निर्मल, निर्जीव, निर्भय, नियति।
12.उपसर्ग - नि
अर्थ-नीचे, निषेध,
उदाहरण-निरोध, निवास, नियोग, निवारण, निषेध, निबंध, निर्यात ।
उदाहरण-निरोध, निवास, नियोग, निवारण, निषेध, निबंध, निर्यात ।
13.उपसर्ग -परा
अर्थ-विपरीत, नशा
उदाहरण-परास्त, परामर्श, पराक्रम, पराजय, पराभाव, पराधीन, पराशय ।
उदाहरण-परास्त, परामर्श, पराक्रम, पराजय, पराभाव, पराधीन, पराशय ।
14.उपसर्ग - परि
अर्थ-चारों ओर
उदाहरण-परिक्रमा, परिपूर्ण, परिचय, परिवर्तन, परिवार, परिचालक।
उदाहरण-परिक्रमा, परिपूर्ण, परिचय, परिवर्तन, परिवार, परिचालक।
15.उपसर्ग - प्र
अर्थ-अधिक, आगे
उदाहरण-प्रयत्न, प्रहार, प्रयोग, प्रमाण, प्रणाम, प्रबल, प्रयोग, प्रसार।
उदाहरण-प्रयत्न, प्रहार, प्रयोग, प्रमाण, प्रणाम, प्रबल, प्रयोग, प्रसार।
16.उपसर्ग - प्रति
अर्थ-सामने, हर एक, विरुद्ध
उदाहरण-प्रत्येक, प्रतिहिंसा, प्रतिष्ठा, प्रतिकूल, प्रतिरूप, प्रतिदिन।
उदाहरण-प्रत्येक, प्रतिहिंसा, प्रतिष्ठा, प्रतिकूल, प्रतिरूप, प्रतिदिन।
17.उपसर्ग - वि
अर्थ-विशिष्ट, भिन्न, अभाव
उदाहरण-विदेश, विजय, विनय, विराम, विवाद, विरोध, विकार।
उदाहरण-विदेश, विजय, विनय, विराम, विवाद, विरोध, विकार।
18.उपसर्ग - सम् (सं)
अर्थ-पूर्णता, साथ, अच्छा
उदाहरण-संभव, संग्राम, संशय, सम्मान, संकल्प, संजय, संताप।
उदाहरण-संभव, संग्राम, संशय, सम्मान, संकल्प, संजय, संताप।
19.उपसर्ग - सु सुपुत्र,
अर्थ-अच्छा, शुभ
उदाहरण-सुशिक्षित, सुकन्या, सुबोध, सुशील, सुकर्म, सुराग।
उदाहरण-सुशिक्षित, सुकन्या, सुबोध, सुशील, सुकर्म, सुराग।
20.उपसर्ग -कु
अर्थ-बुरा
उदाहरण-कुपुत्र, कुकर्म, कुयोग, कुमति, कुपात्र, कुकृत्य।
उदाहरण-कुपुत्र, कुकर्म, कुयोग, कुमति, कुपात्र, कुकृत्य।
हिंदी के उपसर्ग (तद्भव) मूलतः संस्कृत के तत्सम शब्दों से ही बने हैं। कुछ प्रमुख तद्भव उपसर्ग यानी
हिंदी के उपसर्ग इस प्रकार है-
1.उपसर्ग-अ
अर्थ-अभाव
शब्द-रुप-अहिंसा, अनेक, अज्ञान, अमर, अधर्म, अमोल, अजान, अचेत।
2.उपसर्ग-अन
अर्थ-अभाव
अर्थ-अभाव
शब्द-रुप-अनपढ़, अनगढ़, अनहोनी, अनकहा, अनथक।
3.उपसर्ग- कु,क
अर्थ-बुरा
अर्थ-बुरा
शब्द-रुप- कुकर्म, कुपुत्र, कुरूप, कुमति, कुचाल, कुढंग, कुलक्षण।
4.उपसर्ग-चौ
अर्थ-चार
अर्थ-चार
शब्द-रुप-चौराहा, चौपाया, चौमासा, चौकन्ना, चौपाई, चौकड़ी।
5.उपसर्ग- दु
अर्थ-कम
अर्थ-कम
शब्द-रुप-दुलारा, दुसाध्य, दुधारु, दुगना, दुबला, दुत्कार
6.उपसर्ग-नि
अर्थ-कमी
अर्थ-कमी
शब्द-रुप-निगोड़ा, निहत्था, निडर, निपूता, निधड़क।
7.उपसर्ग- भर
अर्थ-पूरा
अर्थ-पूरा
शब्द-रुप-भरपेट, भरमार, भरपूर, भरसक।
8.उपसर्ग- सु,स
अर्थ-अच्छा
अर्थ-अच्छा
शब्द-रुप-सुफल, सुडौल, सुजान, सुपात्र, सुपुत्र, सपूत, सगोत्र, सरस।
9.उपसर्ग- अध
अर्थ-आधा
अर्थ-आधा
शब्द-रुप-अधजला, अधखिला, अधपका, अधमरा, अधकचरा।
10.उपसर्ग-उन
अर्थ-एक एक
अर्थ-एक एक
शब्द-रुप-उनहत्तर, उनासी, उनचालीस, उनसठ, उनचास।
11.उपसर्ग-पर
अर्थ-दूसरा
अर्थ-दूसरा
शब्द-रुप-परदादा, परनाना, परनाला, परपोता।
12.उपसर्ग- बिन
अर्थ-निषेध
अर्थ-निषेध
शब्द-रुप-बिनदेखा, बिनबोया, बिनखाया, बिनब्याही, बिनमाँगे।
ऐसे उपसर्ग विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं-
1.उर्दू के उपसर्ग (अरबी-फ़ारसी)
1.उपसर्ग- अल
अर्थ-निश्चित
शब्द-रुप-अलबत्ता, अलगरज।
2.उपसर्ग- कम
अर्थ-थोड़ा
शब्द-रुप-कमउम्र, कमज़ोर, कम्बख्त, कमसमझ, कमअक्ल।
3.उपसर्ग- खुश
अर्थ-अच्छे के अर्थ में
शब्द-रुप-खुशबू, खुशदिल, खुशख्याली, खुशखबरी।
4.उपसर्ग-गैर
अर्थ-निषेध
शब्द-रुप-गैरकानूनी, गैरहाज़िर, गैरसरकारी, गैरजरूरी, गैरजिम्मेदारी।
5.उपसर्ग- दर
अर्थ-सही उद्देश्य
शब्द-रुप-दरकार, दरअसल, दरगुजर, दरमियान।
6.उपसर्ग- ना
अर्थ-अभाव
शब्द-रुप-नामुमकिन, नापसंद, नाराज़, नालायक, नादान, नाउम्मीद।
7.उपसर्ग- ब
अर्थ-अनुसार
शब्द-रुप-बनाम, बदौल, बगैर, बखूबी।
8.उपसर्ग- बद्
अर्थ-बुरा
शब्द-रुप-बदनाम, बदमाश, बदचलन, बदतमीज़, बदहजमी, बदकिस्मत।
9.उपसर्ग- बर
अर्थ-ऊपर
शब्द-रुप-बरदाश्त, बराबर, बरसात।
10.उपसर्ग- बा
अर्थ-साथ
शब्द-रुप-बाकायदा, बाइज्जत, बाअदब, बामुलाइजा।
11.उपसर्ग- बिना
अर्थ-रहित
शब्द-रुप-बिनाकसूर, बिना लिहाज़।
12.उपसर्ग- बे
अर्थ-बिना
शब्द-रुप-बेकाम, बेईमान, बेवकूफ़, बेरहम, बेनाम, बेकसूर, बेघर।
13.उपसर्ग-ला
अर्थ-बिना
शब्द-रुप-लाचार, लाजवाब, लापरवाह, लापता, लावारिस, लाइलाज।
14.उपसर्ग-सर
अर्थ-मुख्य
शब्द-रुप-सरपंच, सरताज, सरकार, सरदार।
15.उपसर्ग- हम
अर्थ-बराबर
शब्द-रुप-हमउम्र, हमदर्दी, हमवतन, हमजोली, हमसफ़र, हमनाम।
16.उपसर्ग- हर
अर्थ-प्रत्येक
शब्द-रुप-हररोज़, हरमाह, हरचीज़, हरसाल, हरतरह, हरदिल, हरघड़ी।
1.उपसर्ग- सब
अर्थ-अधीन, भीतर, उप
शब्द-रुप-सब-जज, सब-कमेटी, सब-इंस्पेक्टर।
2.उपसर्ग- हेड
अर्थ-प्रमुख
शब्द-रुप-हेडमास्टर, हेडक्लर्क, हेडऑफ़िसर।
3.उपसर्ग- डिप्टी
अर्थ-उप
शब्द-रुप- डिप्टी कमिश्नर, डिप्टी डायरेक्टर, डिप्टी कलेक्टर।
4.उपसर्ग- वाइस
अर्थ-उप
शब्द-रुप-वाइस प्रिंसिपल, वाइस प्रेसिडेंट, वाइस चांसलर।
5.उपसर्ग- हाफ़
अर्थ-आधा
शब्द-रुप-हाफ़ पैंट, हाफ़ शर्ट, हाफ़ कप।
(ङ) संस्कृत के अव्यय (उपसर्ग के समान प्रयोग)
1.उपसर्ग-अंतः
अर्थ-भीतरी
शब्द-रुप-अंत:करण, अंत:पुर।
2.उपसर्ग- अंतर
अर्थ-भीतरी
शब्द-रुप-अंतर्मन, अंतर्राष्ट्रीय, अंतर्देशीय।
3.उपसर्ग- अ
अर्थ-अभाव
शब्द-रुप-अशोक, अकाल, अनादि।
4.उपसर्ग-अधः
अर्थ-नीचे
शब्द-रुप-अध:पतन, अधोगति, अधोमुखी।
5.उपसर्ग- चिर
अर्थ-बहुत देर
शब्द-रुप- चिरकाल, चिरजीवी, चिरकुमार।
6.उपसर्ग- पुनर
अर्थ-फिर
शब्द-रुप- पुनर्जन्म, पुनर्लेखन, पुनर्जागरण।
7.उपसर्ग- बहिस्
अर्थ-बाहर
शब्द-रुप-बहिष्कार, बहिर्गमन।
8.उपसर्ग- सत्
अर्थ-सच्चा
शब्द-रुप-सज्जन, सद्गति, सतकर्म, सदाचार।
9.उपसर्ग-सम
अर्थ-समान
शब्द-रुप-समकोण, समकालीन, समदर्शी।
10.उपसर्ग-सह
अर्थ-साथ
शब्द-रुप- सहकार, सहचर, सहपाठी, सहयोगी।
कुछ महत्वपूर्ण लिंक
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