Advertisement

Responsive Advertisement

काल (TENSE) || kaal in hindi

इस पोस्ट मे हम काल क्या होता है काल के कितने प्रकार होते है और  उनसे सम्बधित उदाहरण भी जानेंगे-



'काल' शब्द का सामान्य अर्थ है-समय का बोध करवाना। काल से हमें पता चलता है कि क्रिया किस समय संपन्न हुई है या होगी।

उदाहरणस्वरूप-
1.रोहन बाजार जाता है। ।
2.रोहन बाजार गया।
3.रोहन बाजार जाएगा।
उपर्युक्त तीनों वाक्यों में कार्य के होने के समय का बोध होता है। पहले वाक्य से पता चलता है कि कार्य वर्तमान में हो रहा है। दूसरे वाक्य से स्पष्ट होता है कि कार्य भूतकाल में हो चुका है और तीसरे वाक्य में कार्य आने वाले समय अर्थात भविष्य में होगा।

इस प्रकार हम कह सकते है कि-क्रिया का वह रुप जिस से काम के होने के समय का पता चले वह काल कहलाता है ।

काल के भेद
(Kinds of Tense)

काल तीन प्रकार के होते हैं-
1. वर्तमान काल (Present Tense)
2. भूतकाल (Past Tense)
3.भविष्यत काल (Future Tense)

1. वर्तमान काल-क्रिया के जिस रूप से चल रहे समय का पता चले, उसे वर्तमान काल कहते हैं।
(क) राम दिल्ली जा रहा है।
(ख) रोहित मुझे पढ़ाता है।
(ग) अध्यापक स्कूल पहुँचते होंगे।
उपर्युक्त तीनों वाक्यों के क्रिया शब्द 'जा रहा है', 'पढ़ाता है' और 'पहुँचते होंगे' कार्य के अभी होने या
करने का बोध कराते हैं। अत: ये वर्तमान काल की क्रियाएँ हैं।

वर्तमान काल के तीन भेद माने जाते हैं-
(क) सामान्य वर्तमान काल (Present Indefinite Tense)
(ख) अपूर्ण / तात्कालिक वर्तमान काल (Present Continuous Tense)
(ग) संदिग्ध वर्तमान काल (Present Doubtful Tense) 

(क) सामान्य वर्तमान काल- क्रिया का वह रूप जिसे कार्य के वर्तमान काल में सामान्य रूप में में होने का पता चले, उसे 'सामान्य वर्तमान काल' कहते हैं।
 जैसे-
1.राम गाड़ी चलाता है।
2.बच्ची खाना खाती है।
उपर्युक्त दोनों वाक्यों में 'चलाता है' और 'खाती है' क्रियाओं से कार्य के वर्तमान काल में सामान्य रुप
होने का बोध होता है।

(ख) अपूर्ण/ तात्कालिक वर्तमान काल-क्रिया के जिस रूप से पता चलता है कि कार्य वर्तमान काल में शुरू हो गया है और अभी भी जारी है, अपूर्ण वर्तमान काल कहलाता है।
जैसे-
माता खाना पका रही है।
राम गाड़ी चला रहा है।
उपयुक्त दोनों वाक्यों में रही है' और 'रहा है' क्रिया शब्दों से कार्य के शुरू होने का तो पता चलता है
किंतु उसके संपन्न होने का ज्ञान नहीं होता।

(ग) संदिग्ध वर्तमान काल-क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल में क्रिया के होने में संदेह का बोध
हो, उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं। जैसे-
1.विद्यार्थी आते होंगे।
2.अभिषेक कविता लिखता होगा।
उपर्युक्त दोनों वाक्यों में आते होंगे' और 'लिखता होगा' क्रिया शब्दों से यह ज्ञात होता है कि कार्य वर्तमान समय हो रहा है पर उसके होने में संभावना है।

2. भूतकाल-क्रिया के जिस रूप से उसके बीते हुए समय में कार्य के होने या करने का पता चले
उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे-
1.राम ने रोटी खाई।
2.स्याम ने कल भोजन अवश्य किया होगा।
3.मेहमान जा चुके थे।
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाओं ‘खाई', 'किया होगा' और 'जा चुके थे' से ज्ञात होता है कि कार्य बीते हुए
समय में पूर्ण हो चुका है।

भूतकाल के छह भेद माने जाते हैं-
(क) सामान्य भूत (Simple Past)
(ख) आसन भूत (Recent Past)
(ग) पूर्ण भूत (Complete Past)
(घ) अपूर्ण भूत (Incomplete Past)
(ङ) संदिग्ध भूत (Doubtful Past)
(च) हेतुहेतुमद भूत (Conditional Past)

(क) सामान्य भूतकाल-क्रिया का वह रुप जिस से बीते हुए समय में कार्य के होने का पता चले तो वहाँ सामान्य भूतकाल होता है। 
 जैसे- 
1.मैंने कविता पढ़ी। 
2. माँ ने खाना पकाया।

(ख) आसन्न भूतकाल-आसन्न शब्द का अर्थ है-पास या निकट।
क्रिथा के जिस रूप से कार्य के होने का समय निकट समझा जाए, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं; जैसे-
1.मेरा भाई विदेश गया है।
2. रीना स्कूल गई है।
उपयुक्त वाक्यों से ज्ञात होता है कि कार्य भूतकाल में शुरू होकर अभी-अभी समाप्त भी हो गया। ये क्रियाएँ भूतकाल में आरंभ होकर भूतकाल में ही समाप्त भी हो जाती हैं।

(ग) पूर्ण भूतकाल-क्रिया के जिस रूप से कार्य के भूतकाल में पूरा होने का बोध हो, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
जैसे-
1.कृष्ण ने कंस को मारा था।
2. वर्षा हो चुकी थी।
उपर्युक्त वाक्यों से ज्ञात होता है कि कार्य को संपन्न हुए काफ़ी समय हो चुका है।

(घ) अपूर्ण भूतकाल-क्रिया के जिस रूप से कार्य के भूतकाल में आरंभ होने का तो बोध हो, परंतु
समाप्त न होना पाया जाए; उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं;
 जैसे-
1.बच्चा पतंग उड़ा रहा था। 
2.किसान खेतों में हल चला रहा था।
उपर्युक्त वाक्यों से कार्य के आरंभ होने का पता तो चलता है परंतु कार्य के समाप्त होने का पता नहीं चलता।

(ङ) संदिग्ध भूतकाल- संदिग्ध भूत-क्रिया का वह रूप, जो कार्य के पूरा होने के बारे में संदेह पैदा करता है, संदिग्ध भूतकाल कहलाता है।

जैसे-
1.उसने कविता लिखी होगी। 
2.वह भोजन करता होगा।
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाओं से कार्य के पूरा होने के बारे में संदेह उत्पन्न हो रहा है। अतः ये संदिग्ध
भूतकाल की क्रियाएँ हैं।

(च) हेतुहेतुमद भूतकाल-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य भूतकाल में हो सकता था; किंतु वह किसी कारण से नहीं हो सका, उसे हेतुहेतुमद भूतकाल कहते हैं;
 जैसे-
1.यदि पानी बरसता, तो अन्न उत्पन्न होता।
2.यदि तुम मेहनत करते तो अवश्य पास होते।
उपर्युक्त वाक्यों को पढ़कर ज्ञात होता है कि ये दोनों कार्य पूर्ण हुए। सिर्फ शर्त बता दी गई है कि ये बातें पूर्ण होती तो भूतकाल में कार्य संपन्न हो जाता।

3. भविष्यत काल-भविष्य काल-क्रिया का वह रूप, जो आने वाले समय का बोध होता है, भविष्य काल कहलाता है।
जैसे-
1.माताजी कल बाजार जाएँगी
2.अगले वर्ष में पांचवीं कक्षा में जाऊँगा।
उपर्युक्त वाक्यों में 'जाएँगी' और 'जाऊँगा' क्रियाएँ भविष्यत काल की ओर संकेत करती हैं।

भविष्यत काल के दो भेद माने जाते हैं-
(क) सामान्य भविष्यत काल ( Simple Future Tense)
(ख) संभाव्य भविष्यत काल (Doubtful Future Tense)

(क) सामान्य भविष्यत काल -क्रिया के जिस रूप से भविष्यत काल के सामान्य रूप का बोध होता
है, उसे सामान्य भविष्यत काल कहते हैं।
 जैसे-
1.राम कल आएगा। 
2. गरमी की छुट्टियाँ में हम शिमला जाएँगे।

(ख) संभाव्य भविष्यत काल-क्रिया के जिस रूप से भविष्य में कार्य के होने की संभावना या इच्छा
का पता चले, उसे संभाव्य भविष्यत काल कहते हैं।
 जैसे-
1.संभव है मैं दिल्ली जाऊँ।
2. हो सकता है कल हड़ताल हो
उपर्युक्त दोनों वाक्यों को पढ़ने से कार्य के होने का निश्चित पता नहीं चलता, पर उसकी संभावना का
अवश्य बोध होता है।





Post a Comment

0 Comments

Search This Blog