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ऐल्गोरिथम क्या होती है || Algorithm kya hai in hindi

इस पोस्ट में हम ऐल्गोरिथम,ऐलगोरिथम की संरचना,प्रोग्रामिंग के मूल तत्व ,क्रमबद्ध तर्क में ऐल्गोरिथम लिखना आदि के बारे में जानेंगे।



ऐल्गोरिथम क्या होती है
(ALGORITHM)

ऐल्गोरिथम तकनीक में वाक्यों की एक निश्चित श्रेणी होती है। ऐल्गोरिथम तैयार करने से हमें किसी भी भाषा में प्रोग्राम लिखने में कोई कठिनाई नहीं होती है। ऐल्गोरिथम को जब भी किसी भाषा में अनुवाद किया जाता है तो हमें त्रुटिहीन और सक्षम प्रोग्राम मिलता है। जिस प्रकार पिकनिक पर जाने से पहले हम सभी बिन्दुओं पर भली-भाँति विचार करके एक प्रोग्राम बनाते हैं ठीक इसी प्रकार हम प्रोग्राम लिखने से पहले समस्या के सभी पहलुओं पर विचार करके एक ऐल्गोरिथम तैयार करते हैं। जितनी अच्छी ऐल्गोरिथम होगी उतना ही अच्छा प्रोग्राम का परिणाम होगा। अतः ऐल्गोरिथम को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है। “ऐल्गोरिथम, समस्या के तर्कसंगत समाधान के लिए श्रेणीबद्ध वाक्यों का एक निश्चित समूह है।

ऐल्गोरिथम लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
(i) ऐल्गोरिथम का प्रत्येक वाक्य स्पष्ट होना चाहिए ताकि उसे समझा जा सके और निर्देशों में, ढाला जा सके।

(ii) ऐल्गोरिथम में लिखा हुआ प्रत्येक वाक्य अर्थपूर्ण होना चाहिए। अर्थपूर्ण होने से हमारा अभिप्राय है कि उस वाक्य में प्रोग्राम का कोई न कोई महत्वपूर्ण कार्य या कहिए महत्वपूर्ण भाग सम्पन्न किया जा रहा हो।

(iii) ऐल्गोरिथम के प्रत्येक वाक्य में कोई न कोई कार्य करने के लिए कहा जाए अर्थात् प्रत्येक वाक्य एक निर्देश देता हो।

(iv) प्रत्येक वाक्य में बताया गया कार्य एक निश्चित समय पर पूरा हो जाना चाहिए। ऐसा न हो कि वह कार्य काफी अधिक समय तक चलता रहे और प्रोग्राम रन होने में काफी अधिक समय ले।

(v) यदि ऐल्गोरिथम के किसी एक वाक्य पर एक से अधिक बार कंट्रोल आ रहा है अर्थात् वाक्य दोहराया (repeat) जा रहा है तो ध्यान रहे यह दोहराना (repetition) अनन्त समय तक न हो, कभी कभी कंट्रोल उस वाक्य से बाहर आना चाहिए।

(vi) प्रोग्राम के अन्दर लिखा हुआ कोई भी निर्देश बहुअर्थी नहीं होना चाहिए। उसका केवल एक ही
अर्थ होना चाहिए।

ऐलगोरिथम की संरचना 
(The Structure of Algorithm)

ऐल्गोरिथम की संरचना निम्न चरणों में क्रमबद्ध होनी चाहिए-
1. Begin
2. Procedure-Name
3. Declaration
4. Input
5. Process
6. Output
7. End
ऐल्गोरिथम की शुरुआत हमेशा Begin या Start से होनी चाहिए और अन्तिम चरण में End लिखना चाहिए। प्रोसिज़र-नेम में समस्या की पहचान बनाने के लिए कोई भी उपयुक्त नाम दिया जा सकता है। इसके पश्चात् डिक्लेरेशन में प्रोग्राम में प्रयोग किये गये प्रत्येक चर या अचर राशि के टाइप को दर्शाया जाता है, सामान्यतः प्रत्येक प्रोग्राम में चर राशियाँ निम्न प्रकार की होती हैं.
1. इन्टीजर राशि (Integer variable)
2.रीयल राशि (Real variable)
3. कैरेक्टर राशि (Character variable)
इन्टीजर राशि का मान हमेशा पूर्णांक में दिया जाता है। इन्टीजर राशि को निम्न प्रकार से डिक्लेयर
किया जाता है- a: integer
a=10
अर्थात् a एक इन्टीजर राशि है जिसका मान 10 है।

इसी प्रकार हम रीयल राशि (जिसमें दशमलव का प्रयोग किया जाता है) और कैरेक्टर राशि (जिसमें एल्फाबेट होते हैं) को निम्न प्रकार से डिक्लेयर कर सकते हैं-
a, b: char
Input statement में Read शब्द का प्रयोग किया जाता है।  उदाहरण—दो नम्बर पढ़िये।
Read (a, b)
Output में Write शब्द का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण—a का मान लिखिये।
Write (a)

प्रोग्रामिंग के मूल तत्व 
(Basic Elements of Programming)
ऐल्गोरिथम में आगे बढ़ने से पहले हमें प्रोग्रामिंग में प्रयोग होने वाले मूल तर्कों का ज्ञान होना अति आवश्यक है। प्रोग्रामिंग के मूल तत्वों का वर्गीकरण निम्न प्रकार है-
1. क्रमबद्ध तर्क (Sequencial logic)
2.चयन तर्क या ब्रान्चिंग (Selection logic)
3. दोहराना या लूपिंग (Repetition logic)

क्रमबद्ध तर्क
 (Sequencial Logic)
साधारणतः हम लोग सभी कार्यों को एक क्रम से करते हैं। इसमें एक के बाद एक निर्देशों का अनुसरण किया जाता है। क्रमबद्ध तर्क में निर्देशों का निम्न क्रम में एक-एक करके पालन किया जाता है
statement 1;
statement 2;
statement 3;

क्रमबद्ध तर्क में ऐल्गोरिथम लिखना
 (Write the Algorithm in Sequencial Logic)

उदाहरण- दो नम्बर पढ़िये और उनका योग और औसत मान लिखिए।

हल-
1. Begin

2. Procedure-Name add

3. Declaration

        a, b, s: integer
        av: real

4. Read (a, b)

5.s <- (a + b)

6.av <- s/2.0

7. Write (s, av)

8. End

उदाहरण- एक वृत्त की त्रिज्या पढिये और वृत्र का क्षेत्रफल लिखिए

हल-
1. Begin

2. Procedure-Name area

3. Declaration

    r: integer
    a: real

4. Read (r)

5.a=3.14xrxr

6. Write (a)

7. End


चयन तर्क या ब्रान्चिंग
 (Selection Logic or Branching)

कभी-कभी प्रोग्राम में ऐसी स्थिति आ जाती है जब एक निर्देश में निर्णय लेना पड़ता है। निर्णय लेने में हमारे पास दो विकल्प होते हैं, प्रथम विकल्प में हम सत्य की दिशा में अग्रसर होते हैं परन्तु जब condition सत्य नहीं होती है तो हमें दूसरी दिशा (False condition) में निर्देशों का पालन करना पड़ता है। इस तर्क की मूल बनावट निम्न प्रकार से होती है-

If (condition) 

    then statement 1
    else statement 2

Endif
जब condition सत्य होती है तो statement 1 के निर्देशों का अनुसरण किया जाता है। यदि condition असत्य होती है तो statement 2 के निर्देशों का पालन किया जाता है। इस तर्क में निम्न रिलेशनल ऑपरेटरों का प्रयोग किया जाता है-
< >, <=, >=

उदाहरण- एक संख्या पढिये और यदि दी गई संख्या सम है तो EVEN लिखित अन्यथा "ODD" लिखिए
हल-
1. Begin

2. Procedure-name number

3. Declaration

    n : integer

4. Read (n)

5. r=n mod 2

6. If (r=0)

        then Write ("EVEN'')
        else Write ("ODD")

7. Endif

8. End

दोहराना या लूपिंग
 (Repetition or Looping)

प्रोग्राम में कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है जब हमें कुछ निर्देशों के समूह को बार-बार क्रियान्वित करने की आवश्यकता पड़ती है और यह क्रियान्वन तब तक चलता रहता है जब तक तर्क सन्तुष्ट रहता है। ऐसी स्थिति को लूपिंग कहते हैं। लूपिंग क्रिया में बार-बार एक तर्क को परखा जाता है। तर्क के सन्तुष्ट होने पर लूप के अन्दर के निर्देशों के समूह को क्रियान्वित किया जाता है और यह क्रम तब तक चलता रहता है जब तक तर्क सन्तुष्ट है। इस तर्क में निम्न स्टेटमैन्ट्स का प्रयोग किया जाता है
1. Repeat for
2. Repeat while
3. Repeat until
इन सभी statements में निम्न तत्व विद्यमान रहते हैं
प्रथम मान-Initial Value
कन्डीशन-Condition
बढ़ना/घटना-Increment/Decrement

 1.Repeat for
इस statement की संरचना निम्न प्रकार से होती है.
Repeat for CV = IV to FV step n
..............
..............
.............
body
End repeat

यहाँ पर Repeat for और End repeat के बीच के सभी निर्देशों को Repeat for की body कहते हैं और इन body के निर्देशों का पालन तब तक चलता रहता है जब तक IV का मान FV के मान से कम रहता है या बराबर हो जाता है, यहाँ पर

CV-Control Variable (कन्ट्रोल चर)
IV-Initial Value (प्रथम मान)
FV-_Final Value (अन्तिम मान)
step n-n के अनुसार घटना या बढ़ना

उदाहरण- प्रथम दस नम्बरों को लिखिए।
हल-
1. Begin

2. Procedure-Name number

3. Declaration

i: integer

4. Repeat for it I to 10

        4.1 Write (i)

5. End repeat

6. End

इस प्रोग्राम में i, एक कन्ट्रोल चर है और इसमें step n का प्रयोग नहीं किया गया है क्योंकि i का मान एक-एक से बढ़ रहा और जब कन्ट्रोल चर का मान एक से बढ़ता है तो step n का प्रयोग नहीं किया जाता है।

उदाहरण- एक संख्या पढ़िये और उसको दस बार लिखिए।
हल-
1. Begin

2. Procedure-Name number

3. Declaration

    i n:integer

4. Read (n)

5. Repeat for i<-1 to 10

        5.1 Write (n)

6. End repeat

7. End


2. Repeat while
 इस  statement की संरचना निम्न प्रकार से होती है-
initial value;
Repeat while (condition)
..............
..............
.............
}
body
increment
End repeat


इसमें Repeat while और End repeat के बीच  के सभी statement,Repeat while के बॉडी(body) statements कहलाते हैं ये सभी statement तब तक कार्य करते रहते हैं जब तक कन्डीशन सत्य रहती है जैसे ही कन्डीशन असत्य होती है  प्रोग्राम कन्ट्रोल End repeat के बाहर आ जाती है।

उदाहरण  प्रथम दस नम्बरों को लिखिए-
हल-
1. Begin

2. Procedure-Name number

3. Declaration

        i: integer

4. i<-1

5. Repeat while(i<=10)

        5.1 Write (i)
        5.2i <- i+1

6. End repeat

7. End

3 Repeat until
इस  statement की संरचना निम्न प्रकार से होती है-
initial value;
Repeat
..............
..............
..............
 body
increment
until(condition)
इस लूप में कन्डीशन को अन्त में चैक किया जाता है, इसमें कन्डीशन सत्य या असत्य कुछ भी हो कन्ट्रोल एक बार अवश्य लूप के अन्दर जायेगा।

 उदाहरण- प्रथम दम नम्बरों को लिखिए।
हल-
1. Begin

2. Procedure-Name number

3. Declaration

        i: integer

4. i<-1

5. Repeat while(i)

        5.1 Write (i)
        5.2i<-i+1

6.until(i<=10)

7. End


इस पोस्ट में हमने ऐल्गोरिथम,ऐलगोरिथम की संरचना,प्रोग्रामिंग के मूल तत्व ,क्रमबद्ध तर्क में ऐल्गोरिथम लिखना आदि के बारे में जाना।

इन्हें भी देखें-


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