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सी भाषा क्या है ? || what is c language in hindi

 

इस पोस्ट में हम 'C' भाषा का परिचय,'C' भाषा का संक्षिप्त इतिहास,'C' भाषा की विशेषताएँ आदि के बारे में जानेंगे-



'C' भाषा का परिचय
(Introduction of 'C' Language)

इस पोस्ट में आप एक ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा का अध्ययन आरम्भ करने जा रहे हैं जो अत्यन्त लोकप्रिय, सफल एवं बहुतायत प्रोग्रामिंग के लिए प्रयोग होने वाली भाषा है। यह भाषा है-'C' प्रोग्रामिंग भाषा। 'C' प्रोग्रामिंग भाषा का विस्तृत अध्ययन करके आप 'C' भाषा में प्रोग्राम लिखने योग्य तो बन ही सकते हैं साथ ही साथ आप अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं को समझने व लिखने का आधार भी प्राप्त कर सकते हैं।

'C' भाषा में ऐसी अनेक विशेषताएँ हैं, जो इसे एक उत्तम प्रोग्रामिंग भाषा बनाती हैं। आइए 'C' भाषा के इतिहास पर संक्षिप्त दृष्टि डालते हैं।


'C' भाषा का संक्षिप्त इतिहास
(HISTORY OF 'C' LANGUAGE)

'C' भाषा को 1970वें दशक में डेनिस रिची (Dennis Ritchie) नामक इंजीनियर ने बेल टेलीफोन लेबोरेट्री (Bell telephone laboratory) में सन् 1972 में विकसित किया था। सन् 1978 तक 'C' भाषा का बेल टेलीफोन लेबोरेट्री में अत्यधिक प्रयोग किया गया उसके बाद ब्रियान करनिंघन (Brian Kernighan) और डेनिस रिची ने 'C' भाषा के मूल सार को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। इनकी इस विस्तृत व्याख्या को 'K&R' व्याख्या के नाम से जाना जाता है। इसके बाद 1980वें दशक के मध्य तक आते-आते 'C' भाषा एक स्टैन्डर्ड एवं लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा बन गई। 'C' भाषा के अनेक कम्पाइलर और इंटरप्रेटर विकसित किए गए जिन्हें अलग-अलग आकार-प्रकार के कम्प्यूटर को ध्यान में रखकर बनाया गया। 'C' की विशेषताओं के कारण सॉफ्टवेयर निर्माण में यह प्रमुख भाषा बन गई। 'C' भाषा का ही प्रयोग करके अनेक प्रकार के कम्पाइलर, सिस्टम सॉफ्टवेयर, ऐप्लीकेशन सॉफ्टवेयर विकसित किए गए। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए ANSI (American National Standard Institute) ने इसका स्टैन्डर्ड वर्जन बनाया जिसे ANSI C कहा गया। उसके बाद 'C' भाषा के लिए बनाए गए सभी कम्पाइलर एवं इंटरप्रेटर ANSI स्टैन्डर्ड 'C' का पालन करते हैं।

1980वें दशक के आरम्भ में बेल टेलीफोन लेबोरेट्री में ही एक और भाषा C++ विकसित की गई जिसका आधार 'C' भाषा थी। C++ ऑब्जेक्ट केन्द्रित भाषा थी। C का प्रत्येक प्रोग्राम C++ के कम्पाइलर द्वारा रन किया जा सकता है। इसके बाद VC++ भाषा आई जो एक GUI High Level Language (HLL)है। इस पर C एवं C++ भाषा के प्रोग्राम चल सकते हैं।


'C' भाषा की विशेषताएँ
(FEATURES OF 'C' LANGUAGE)

'C' भाषा की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) सार्वजनिक प्रयोग की भाषा-C सार्वजनिक प्रयोग की प्रोग्रामिंग भाषा है। FORTRAN का विकास गणितीय समीकरणों को हल करने तथा COBOL का विकास व्यापारिक रिपोर्टों को तैयार करने के लिए किया गया था, किन्तु C ऐसी भाषा है जो व्यापारिक, वैज्ञानिक, गणितीय तथा अन्य प्रत्येक प्रकार की कम्प्यूटर समस्या के लिए प्रोग्राम तैयार करने में प्रयोग की जाती है।

(ii) अन्य सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए आदर्श भाषा-C भाषा में प्रोग्रामिंग करके अनेक प्रकार के कम्पाइलर, यूटिलिटी प्रोग्राम, ऐप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किए गए हैं।

(iii) स्ट्रक्चर भाषा—C भाषा स्ट्रक्चर भाषा है अर्थात् इसमें प्रोग्राम को अनेक मॉड्यूल में विभक्त कर तैयार किया जा सकता है, जिससे प्रोग्रामिंग करना सरल हो जाता है।

(iv) सरल भाषा शब्दकोश- C भाषा में कोड (निर्देश, स्टेटमैन्ट) लिखने के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है जो सामान्यतः अंग्रेजी भाषा के हैं। इन शब्दों को रिजर्व वर्ड (reserved word) अर्थात् 'आरक्षित शब्द' कहा जाता है, जैसे—if, then, else, for, do, while, switch, main, goto, define, float, printf, int, आदि। इन शब्दों को देखने मात्र से ही इनके उद्देश्य और प्रयोग का पता लग जाता है। इनके साथ कोड लिखना अत्यधिक सरल हो जाता है।

(v) सामान्य गणितीय एवं तार्किक ऑपरेटर का प्रयोग—C भाषा में सामान्य गणितीय एवं तार्किक ऑपरेटर का ऐसे ही प्रयोग होता है जैसे कि हम गणित में करते हैं। C भाषा में प्रयोग होने वाले प्रमुख ऑपरेटर इस प्रकार +, - ,*, /, %, <, <=,>=,= (equal), != (not equal), &&(and), || (or), = (assignment)।

(vi) स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी फंक्शन- C भाषा के कम्पाइलर के साथ मिलने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा है C स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी । C स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी अनेक ऐसे रेडीमेड फंक्शन का समूह है जिनका प्रोग्राम में सार्वजनिक रूप से प्रयोग होता रहता है। इन फंक्शन को लाइब्रेरी फंक्शन कहते हैं। ये फंक्शन डेटा इनपुट/आउटपुट ऑपरेशन करते हैं, स्ट्रिंग (string) अर्थात् वाक्यों पर ऑपरेशन कर सकते हैं, गणितीय ऑपरेशन, जैसे—sin x, cos x, log10 x, Max, Min, आदि कर सकते हैं तथा ऐसे अन्य बहुत-से कार्य कर सकते हैं जिनकी प्रोग्रामर को आवश्यकता पड़ती रहती है। यदि इन फंक्शन को प्रोग्रामर स्वयं कोड लिखकर अपने प्रत्येक प्रोग्राम के लिए तैयार करें तो निश्चित ही यह प्रक्रिया अत्यन्त जटिल हो जाएगी। अतः इस प्रकार के सार्वजनिक तथा विशेष प्रयोग के फंक्शन C कम्पाइलर के साथ ही मिलते हैं।

C स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी को अनेक फाइलों में विभक्त किया गया है। इन्हें हेडर फाइल (header file) कहते हैं। इनका फाइल ऐक्सटेंशन .. होता है। प्रत्येक हेडर फाइल में एक जैसे कार्य से सम्बन्धित फंक्शन होते हैं, जैसे—stdio.h फाइल में इनपुट/आउटपुट फंक्शन होते हैं। math.h फाइल में गणितीय फंक्शन होते हैं। इन फाइलों को अपने प्रोग्राम में जोड़कर आप इनके किसी भी फंक्शन को सीधे-सीधे कॉल कर प्रयोग कर सकते हैं। इन हैडर फाइलों को प्रोग्राम में शामिल करने के लिए निम्नलिखित निर्देश प्रोग्राम के प्रारम्भ में दिया जाता है।

#include <stdio.h>
यहाँ # include निर्देश को प्री प्रोसेसर डायरेक्टिव भी कहते हैं।

कुछ लाइब्रेरी फंक्शन, उनके उद्देश्य तथा उनकी हेडर फाइल इस प्रकार हैं-




यहाँ पर कुछ हेडर फाइलों तथा उनके फंक्शन के नाम बताए गए हैं, इसके अतिरिक्त भी अन्य कई हेडर फाइलें हैं जिनमें अनेक फंक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

'C' स्टैन्डर्ड लाइब्रेरी फंक्शन के अतिरिक्त भी प्रोग्रामर स्वयं अपने फंक्शन तैयार कर अपनी लाइब्रेरी बना सकता है, जिसका प्रयोग वह अपने प्रोग्रामों में कर सकता है।

(vii) मशीन से आत्मनिर्भर भाषा—आज लगभग प्रत्येक आकार, प्रकार के कम्प्यूटर के लिए 'C' भाषा का कम्पाइलर विकसित किया जा चुका है। एक कम्प्यूटर के लिए लिखा प्रोग्राम उसी प्रकार की अन्य मशीनों या भिन्न प्रकार की मशीनों पर क्रियान्वित हो सकता है।

इन विशेषताओं के अतिरिक्त भी 'C' भाषा में ऐसी अनेक विशेषताएँ हैं जो इसे एक श्रेष्ठ भाषा सिद्ध करती हैं, जैसे विभिन्न प्रकार के डेटा आइटम, जैसे—शाब्दिक, सांख्यिकी, रिकॉर्ड, फाइल, डेटा समूह, आदि पर ऑपरेशन करने की क्षमता, पॉइन्टर (pointer), ऐरे (array), आदि का प्रयोग।विभिन्न प्रकार के कंट्रोल लूपों की सुविधा, आदि ऐसी अनेक विशेषताएँ हैं जिनसे आप आगे स्वयं ही परिचित हो जाएँगे।

'C' भाषा-मध्य स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा
('C'-MIDDLE LEVEL PROGRAMMING LANGUAGE)

प्रोग्रामिंग हेतु अनेक प्रोग्रामिंग भाषाओं का निर्माण हुआ है। प्रोग्रामिंग भाषाओं के गुणों के आधार पर उन्हें दो श्रेणियों में बाँटा गया है-
(i) उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language)
(ii) निम्न स्तरीय भाषा (Low Level Language)

1.उच्च स्तरीय भाषाओं के निर्देश हमारी आपकी भाषा के अधिक करीब हैं, इन भाषाओं में सामान्यतः अंग्रेजी के शब्दों जैसे—print, read, आदि का प्रयोग होता है।

2.निम्न स्तरीय भाषा (मशीनी भाषा) कम्प्यूटर की मूल भाषा है और इसमें लिखा कोड सामान्यतः बाइनरी अंको की श्रृंखला के रूप में होता है।

'C' न ही उच्च स्तरीय भाषा है और न ही इसे निम्न स्तरीय भाषा कहना उचित होगा। 'C' भाषा दोनों ही भाषाओं के गुणों को समाहित करती है। अतः इसे हम मध्य स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा (middle level programming language) कहते हैं।

 Conclusion-

इस पोस्ट में हमने 'C' भाषा का परिचय,'C' भाषा का संक्षिप्त इतिहास,'C' भाषा की विशेषताएँ आदि के बारे में जाना।इसके next post मे हम 'C' भाषा के प्रोग्राम की रूपरेखा अथवा स्ट्रक्चर,"C"प्रोग्राम विकास चक्र के बारे में जानेंगे

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